शोभा यात्रा में सीएम योगी ने निभाई 'राजा' की भूमिका, धूमधाम से निकला विजयादशमी जुलूस
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शोभा यात्रा में सीएम योगी ने निभाई 'राजा' की भूमिका, धूमधाम से निकला विजयादशमी जुलूस

विजय शोभा-यात्रा में नाथ परंपरा के अनुरूप संतों, कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के हाथ में नाद, ध्वज, दंड आदि परंपरागत अस्त्र-शस्त्र भी रहे.

सीएम योगी आदित्यनाथ शोभा यात्रा में बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर और एक राजा की भूमिका में रहते हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ शोभा यात्रा में बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर और एक राजा की भूमिका में रहते हैं.

गोरखपुर: विजयादशमी (VijayaDashami) के मौके पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरक्षपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभा यात्रा मंगलवार की शाम धूमधाम से निकली. शोभा यात्रा में गाजे-बाजे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर इस शोभा यात्रा में शामिल हुए. सीएम योगी को गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में देखने के लिए सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ मौजूद है. लोगों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा स्वागत किया.

विजय शोभा-यात्रा में नाथ परंपरा के अनुरूप संतों, कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के हाथ में नाद, ध्वज, दंड आदि परंपरागत अस्त्र-शस्त्र भी रहे. सीएम योगी आदित्यनाथ शोभा यात्रा में बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर और एक राजा की भूमिका में रहते हैं. इस दौरान वह नाथ सम्प्रदाय की वेशभूषा को धारण किए हुए थे. गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ बड़ी संख्या में वेद पाठी बालक त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक के रूप में उनके साथ सुरक्षा में चल रहे थे.

गोरखनाथ मंदिर से यह शोभा यात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी. सीएम योगी मानसरोवर मंदिर भगवान शिव की पूजा करेंगे. इसके बाद यह शोभा यात्रा रामलीला मैदान पहुंचेगी. जहां योगी आदित्यनाथ भगवान राम का तिलक करेंगे.

उल्लेखनीय है कि आदित्यनाथ विजयदशमी (आज) के दिन गोरखनाथ मंदिर में न्यायिक दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे. विजयदशमी की देर रात होने वाली पात्र पूजा में नाथ पंथ के संतों के लिए अदालत लगेगी. इस पूजा में नाथ सम्प्रदाय के योगी, पुजारी और शिष्य शामिल होंगे. अदालत में गोरक्षपीठाधीश्वर संतों की समस्याओं को निपटाएंगे. पारंपरिक पात्र पूजा नाथ पंथ में अनुशासन बनाए रखने के लिए की जाती है. सुनवाई के दौरान यदि कोई साधु-संत नाथ परंपरा के विरुद्घ किसी गतिविधि में शामिल होता है तो पात्र देवता उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लेते हैं.

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