उत्तर प्रदेश विधान परिषद में गुरुवार को योगी सरकार (Yogi Government) के सबसे महत्वपूर्ण विधेयक उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 यानी एंटी लव जिहाद विधेयक (Anti Love Jehad Ordinance) को पारित कर दिया गया है. इसे अब राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में गुरुवार को योगी सरकार (Yogi Government) के सबसे महत्वपूर्ण विधेयक उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 यानी एंटी लव जिहाद विधेयक (Anti Love Jehad Ordinance) को पारित कर दिया गया है. इसे अब राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा. उसके बाद यह एक कानून बन जाएगा.
साजिश के तहत धर्मांतरण कराने वालों पर होगी कार्रवाई
यूपी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री मोहसिन रजा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को विधेयक पारित होने पर धन्यवाद देते हुए आभार जताया. उन्होंने कहा कि 'यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021' पास होने से पीड़ितों को न्याय मिलेगा. वहीं, अवैध रूप से और साजिश से धर्मांतरण कराते थे उन्हें अब बख्शा नहीं जाएगा. यह कानून सर्व समाज के लिए है, किसी धर्म या जाति विशेष के लिए नहीं है, यह उत्तर प्रदेश के 23 करोड़ नागरिकों के लिए है.
लव जिहाद के मसौदे में क्या है प्रावधान?
अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लव जिहाद यानी गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान होगा. शादी से पहले धर्म परिवर्तन के लिए 2 माह पहले नोटिस देना होगा. स्थानीय जिलाधिकारी ऐसे मामलों में अनुमति देंगे. नाम और धर्म छिपाकर शादी करने, सामूहिक रूप से अवैध धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल होगी. महिला, एससी/एसटी या वल्नरबल ग्रुप का अवैध रूप से धर्म परिवर्तित कराने पर 2 साल से 10 साल तक की जेल की सजा भुगतनी होगी.
लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार के अध्यादेश के मुख्य बिंदु
>लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश में 10 साल तक की सजा है. 15000 से ₹50000 तक का जुर्माना है.
>अध्यादेश में शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन अवैध घोषित किया गया है.
>धर्मगुरु धर्म परिवर्तन करता है तो उसे जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी.
>जो धर्म परिवर्तन करेगा उसे भी जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी.
>यदि कोई सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 10 साल की सजा और ₹50000 का जुर्माना देना होगा.
>यदि ऐसा करने वाला कोई संगठन है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है. उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई हो सकती है.
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