Zee जानकारी: यूपी में बिजली बड़ा चुनावी मुद्दा क्यों बन गया है?
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Zee जानकारी: यूपी में बिजली बड़ा चुनावी मुद्दा क्यों बन गया है?

Zee जानकारी: यूपी में बिजली बड़ा चुनावी मुद्दा क्यों बन गया है?

इन दिनों देश के कुछ राज्यों में चुनावी मौसम है, लेकिन विडंबना ये है कि आज भी हमारे देश में बिजली और पानी जैसी मूलभूत ज़रूरतों के मुद्दे पर वोट मांगे जा रहे हैं। कहने को तो हमें आज़ाद हुए करीब 70 वर्ष हो गए हैं। इन 70 वर्षों में देश बहुत आगे बढ़ चुका है, लेकिन आज भी हमारे देश के ज़्यादातर हिस्सों में चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध नहीं है। 

जनसंख्या के लिहाज़ से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो गुरुवार को यहां चौथे चरण का मतदान होना है। लेकिन उससे पहले ही यहां बिजली कटौती का मुद्दा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां इस पर क्या बयान दे रही हैं और इसे लेकर किस तरह की राजनीति हो रही है। ये सब आप भी देख रहे होंगे। लेकिन इस समस्या की जड़ कहां है? इस पर कोई बात नहीं कर रहा। हमारे देश में अगर कोई नेता ये कह दे कि वो किसी ख़ास त्यौहार पर लगातर चार या पांच दिन तक 24 घंटे बिजली देगा तो इसे बड़ा ऐलान मान लिया जाता है। कई लोग इसी आधार पर नेताओं को वोट भी दे देते होंगे लेकिन सच्चाई ये है कि 24 घंटे बिजली देना कोई चमत्कार नहीं बल्कि एक मूलभूत ज़िम्मेदारी है।

हमारे देश की सरकारों ने वोट देने वाले आम आदमी को छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी बहुत तरसाया है। ऐसा लगता है जैसे बिजली और पानी के लिए आम आदमी को भिखारी बना दिया गया हो। बिजली और पानी नागरिकों की मूलभूत ज़रूरतें हैं। लेकिन इन्हें भी ऐसे दिया जाता है जैसे एहसान किया जा रहा हो। सरकार चाहे किसी भी राज्य की हो, उसका ये दायित्व है कि वो अपने नागरिकों को चौबीसों घंटे बिजली दे और पीने के लिए साफ पानी की आपूर्ति करे। अगर कोई सरकार ऐसा करती है तो वो जनता पर किसी तरह का अहसान नहीं करती। क्योंकि विधायकों और सांसदों को जनता ही चुनकर भेजती है। जनता के वोटों के दम पर ही सरकारें बनती हैं। किसी को भी ये नहीं भूलना चाहिए कि जो जनता, विजय तिलक लगाकर किसी को सत्ता की कुर्सी पर बैठाती है। वही जनता कुर्सी से उतार भी देती है।

हमारे देश के ज्यादातर राज्यों में अगर किसी दिन 24 घंटे बिजली आ जाए, तो लोग बड़े खुश हो जाते हैं। इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है कि पूरे दिन, एक बार भी बिजली नहीं कटी। यानी हमारे देश में चौबीस घंटे बिजली आना एक ख़बर है। जबकि दुनिया के कई दूसरे देशों में अगर एक घंटे के लिए भी बिजली चली जाए तो आफत आ जाती है। पूरा सिस्टम सावधान मुद्रा में खड़ा हो जाता है और ये सुनिश्चित करता है कि बिजली की आपूर्ति लगातार होती रहे। वहां एक घंटे बिजली ना आना, बड़ी ख़बर है जबकि भारत में 24 घंटे बिजली आना, बड़ी और हैरान कर देने वाली ख़बर है।

अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित ऐसे कई देश हैं जहां सामान्य तौर पर कभी बिजली नहीं जाती। अगर कभी ऐसा होता है तो वहां बहुत बड़ी ख़बर बन जाती है। ऐसे देशों में सिर्फ प्राकृतिक आपदा की स्थिति में ही बिजली की कटौती होती है लेकिन भारत का हिसाब किताब, ज़रा दूजी किस्म का है।

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