ZEE UPUK RELAUNCH: मस्जिद शिलान्यास के न्योते पर बोले CM योगी​- हर जगह पहुंचना मेरे लिए संभव नहीं
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ZEE UPUK RELAUNCH: मस्जिद शिलान्यास के न्योते पर बोले CM योगी​- हर जगह पहुंचना मेरे लिए संभव नहीं

मस्जिद के शिलान्यास में अयोध्या जाने के सवाल पर सीएम योगी ने कहा, ''देखिए प्रदेश में भी और देश में भी रोज हजारों मंदिर बनते हैं. हजारों धार्मिक आयोजन होते हैं. क्या मैं सब जगह जाता हूं? हर मंदिर के कार्यक्रम में नहीं जाता. जा भी नहीं सकता.''

ZEE UPUK RELAUNCH: मस्जिद शिलान्यास के न्योते पर बोले CM योगी​- हर जगह पहुंचना मेरे लिए संभव नहीं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रदेश के नंबर वन न्यूज चैनल 'ZEE उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड' की रीलॉन्चिंग की. इस मौके पर उन्होंने न्यूज चैनल के संपादक दिलीप तिवारी से देश और प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर खास बातचीत की और हर सवाल का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया. दिलीप तिवारी ने सीएम योगी से सवाल किया कि अगर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड उन्हें आमंत्रित करता है, तो क्या वह राज्य के संवैधानिक मुखिया होने के नाते अयोध्या में बनने वाली मस्जिद सहित अन्य निर्माण कार्यों की आधारशिला रखने जाएंगे?

अयोध्या का राम मंदिर भारत के गौरव से जुड़ा प्रश्न है
सीएम योगी ने इस सवाल के जवाब में कहा, ''देखिए प्रदेश में भी और देश में भी रोज हजारों मंदिर बनते हैं. हजारों धार्मिक आयोजन होते हैं. क्या मैं सब जगह जाता हूं? हर मंदिर के कार्यक्रम में नहीं जाता. जा भी नहीं सकता. मेरा काम भी नहीं है. एक मुख्यमंत्री के रूप में इन सब कार्यक्रमों के साथ जुड़ना, इन कार्यक्रमों के साथ बने रहना मेरे लिए संभव भी नहीं है. उचित भी नहीं है. अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को जो कार्यक्रम आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों से संपन्न हुआ है, वो मात्र मंदिर का नहीं है. यही हमारी भूल है.''

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''हर कार्यक्रम में जाने का समय नहीं, उचित भी नहीं''
अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के महत्व को समझाते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ''रामलला की जन्मभूमि का प्रश्न है. जहां कहीं भी देश के ​पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व से जुड़े किसी कार्य के लिए मुझे कोई बुलाएगा, वहां नंगे पैर  जाऊंगा. लेकिन मंदिर, मस्जिद का जगह-जगह जाकर शिलान्यास करूं, ये मेरे लिए संभव नहीं है, समय भी नहीं है. क्योंकि मेरी प्रतिबद्धता प्रदेश की 24 करोड़ जनता के प्रति है, न कि उपासना विधि के प्रति. ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व से जुड़ा हुआ रामलला के मंदिर का कार्य था. माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में ट्रस्ट के आमंत्रण पर हम लोग वहां गए थे. यह मात्र मंदिर का नहीं प्रश्न नहीं है, रामलला से जुड़ी हुई, उनकी जन्मभूमि से जुड़ी हुई पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थान से है.''

''संकीर्ण सोच वाले राम के महत्व को नहीं समझ सकते''
मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संपन्न हुए भूमि पूजन को लेकर कहा, ''ये एक नए युग की शुरुआत भी है. जहां पर कोई भेदभाव किसी के साथ न हो. आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 6 वर्षों के दौरान यही सब तो हुआ है. हम जाति, क्षेत्र, मत, मजहब, भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेंगे. सबका साथ, सबका विकास के भाव के साथ काम करेंगे. यही तो आदर्श राम राज्य की अवधारणा है. समझ का अंतर है. राम को जब संकीर्णता के दायरे में रखकर आप सोचेंगे, तो फिर राम के महत्व को आप नहीं समझ पाएंगे. इसके लिए राम जैसी विराट दृष्टि भी चाहिए, और जब वो विराट दृष्टि होगी तो संभवत: अपने आप ही ये सब कंफ्यूजन के बादल छंटते हुए दिखाई देंगे. जो लोग आज उलूल-जुलूल बयानबाजी कर रहे हैं न, ये सब प्रदेश और देश की जनता से माफी मांगते हुए दिखाई देंगे.''

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