Doval Gor meet: गोर ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए काम कर रहे हैं. एनएसए डोवल से मुलाकात के बाद ट्रंप के खासमखास और अमेरिकी प्रशासन में अहम जिम्मेदारी संभालने वाले गोर ने साउथ एशिया के शक्ति संतुलन से लेकर सुदूर समंदर से जुड़ी चिंताओं की ओर बड़ा इशारा किया है.
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Gor meets Dobal: भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ अहम बातचीत की. मुलाकात के बाद गोर के बयान को साउथ एशिया के शक्ति संतुलन और चीन को लेकर चल रही उठापटक को जोड़कर देखा जा सकता है. भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने X पर अपनी पोस्ट में लिखा- 'अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर आशावादी रवैया बना हुआ है. राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यक्तिगत मित्रता को महत्व देते हैं. अमेरिका, भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. मैं दोनों देशों के फ्यूचर को लेकर आशावादी हूं'.
चीन से निपटने के लिए भारत जरूरी?
गोर ने कहा कि अमेरिका और भारत एक स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. NSA डोभाल के साथ समय बिताकर खुशी हुई. अमेरिका और भारत एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यानी टैरिफ को लेकर भले ही कोई कितनी हाय तौबा मचाए लेकिन साउथ एशिया के शक्ति संतुलन को बनाए रखने के लिए कोई भी महाशक्ति भारत की अनदेखी नहीं कर सकती है. जिस तरह से गोर ने आगे कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी को अपना महान और निजी मित्र मानते हैं. मेरे दिल्ली रवाना होने से पहले, उन्होंने एक शानदार फोन कॉल की थी और ऐसी गर्मजोशी अभी आने वाले कई हफ्तों और महीनों तक जारी रहेगी.'
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गोर ने ये भी कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ भी बैठकें कीं और महत्वपूर्ण खनिजों सहित विभिन्न विषयों पर भी बातचीत की. उन्होंने कहा, 'हमने ज़मीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है.