संकट के समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पोम्पियो और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के विरोध का समर्थन किया.
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न्यूयॉर्क: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले के साथ पाकिस्तान द्वारा आतंकी समूहों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत पर चर्चा के दौरान सोमवार को कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पुलवामा में 14 फरवरी को हुए हमले के बाद भारत-अमेरिका की आमने-सामने की पहली उच्चस्तरीय बैठक रही. वॉशिंगटन में सोमवार को वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने बताया कि पोम्पियो ने जोर देकर कहा है कि "अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों और सरकार के साथ खड़ा है."
उन्होंने कहा कि दोनों ने हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने और पाकिस्तान द्वारा अपनी सरजमीं पर संचालित हो रही आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए आतंकी समूहों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत पर चर्चा की. गोखले राजनयिक परामर्श और अमेरिका के साथ रणनीतिक सुरक्षा वार्ता के लिए वाशिंगटन की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं.
वह राजनीतिक मामलों के अवर सचिव डेविड हेल और शस्त्र नियंत्रण व अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा अवर सचिव एंड्रिया थॉम्पसन से मिलने वाले हैं. वह अन्य अमेरिकी सांसदों के साथ भी बातचीत करेंगे. वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, "पोम्पियो ने सीमा पार आतंकवाद के संबंध में भारत की चिंताओं के बारे में अपनी सोच व्यक्त की.
वे इस बात सहमत हुए कि पाकिस्तान को आतंकवादी ढांचे को खत्म करने और अपने क्षेत्र में सभी आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह देने से इनकार करने के लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है." इसमें कहा गया, "वे इस बात पर भी सहमत हुए कि जो लोग किसी भी रूप में आतंकवाद को समर्थन या बढ़ावा देते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."
बयान में कहा गया कि गोखले ने पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका से भारत को मिले समर्थन के लिए व्यक्तिगत रूप से अमेरिकी सरकार और पोम्पियो की सराहना की. उन्होंने क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों के बारे में भी पोम्पियो को अवगत कराया. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पिछले महीने पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर किए गए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए और फिर बाद में दोनों पड़ोसी देशों के बीच हुई हवाई झड़प में भारतीय लड़ाकू विमान मिग-21 मार गिराया गया और पाकिस्तान द्वारा विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ लिया गया. बाद में पोम्पियो की गहरी कूटनीति के बाद अभिनंदन को छोड़ दिया गया.
संकट के समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पोम्पियो और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के विरोध का समर्थन किया.