ट्रैरिफ जंग के बीच जेडी वेंस पहुंचे ससुराल, PM मोदी से करेंगे मुलाकात; खत्म हो जाएगी भारत की ट्रंप से झंझट?
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ट्रैरिफ जंग के बीच जेडी वेंस पहुंचे ससुराल, PM मोदी से करेंगे मुलाकात; खत्म हो जाएगी भारत की ट्रंप से झंझट?

JD Vance Meet PM Modi What on agenda: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के बीच जबरदस्त टैरिफ वॉर चल रहा है. दोनों देश एक दूसरे पर ट्रैरिफ बढ़ाते जा रहे हैं, इसी बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने ससुराल यानी भारत पहुंचे हैं, पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे, ऐसे में दोनों की मीटिंग के एजेंडों को लेकर खूब चर्चा हो रही है. अब माना जा रहा है कि ट्रंप से ट्रैरिफ के मामले में भारत के रिश्ते मजबूत हो सकते हैं जानें पूरी खबर.

 

ट्रैरिफ जंग के बीच जेडी वेंस पहुंचे ससुराल, PM मोदी से करेंगे मुलाकात; खत्म हो जाएगी भारत की ट्रंप से झंझट?

JD Vance to arrive in Delhi: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस नई दिल्ली पहुंच गए हैं. वेंस के साथ उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा वेंस, उनके बच्चें और अमेरिकी प्रशासन के कुछ बड़े अधिकारियों भी दिल्ली पहुंचे हैं. इस दौरे में वो दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा भी जाएंगे और वहां के मशहूर सांस्कृतिक स्थलों को देखेंगे. उषा वेंस भारतीय मूल की हैं, जिनके माता-पिता आंध्र प्रदेश से अमेरिका गए थे. इस दौरान दोनों देश आर्थिक अवसरों और द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर सकते हैं.

ट्रैरिफ वार के बीच पीएम मोदी से मुलाकात
जेडी वेंस का ये दौरा बहुत खास है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया में ट्रैरिफ वॉर छेड़ रखा है. चीन से तो मानो दुश्मनी निकाल रहे हैं ट्रंप. ऐसे में वेंस का दौरा बहुत महत्वपूण हो जाता है. हिंदुस्तान टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वेंस आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. दोनों नेता व्यापार, अर्थव्यवस्था और दुनिया की सियासत (जियोपॉलिटिक्स) पर बात करेंगे. ये दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के लिए भी अहम है, क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) तेज हो गया है.

अमेरिका और भारत के बीच 190 बिलियन डॉलर का व्यापार
एपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और भारत के बीच एक व्यापार सौदा दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ा सकता है और संभावित रूप से राजनयिक संबंधों को मजबूत कर सकता है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार हाल ही तक 190 बिलियन डॉलर था. इसके पहले विदेश मंत्रालय ने 16 अप्रैल को एक बयान में कहा था, “यह यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान 13 फरवरी 2025 को जारी भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य के परिणामों के कार्यान्वयन का अवसर प्रदान करेगी. दोनों पक्ष आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.”

व्यापार समझौता क्यों जरूरी?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार पहले ही 190 अरब डॉलर (करीब 14.4 लाख करोड़ रुपये) का है, और अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. दोनों देश चाहते हैं कि 2030 तक ये व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंचे. लेकिन ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों (आयात पर कर) की वजह से भारत को नुकसान हो सकता है, खासकर खेती, खाद्य पदार्थ, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी, मेडिकल उपकरण और गहनों जैसे क्षेत्रों में. इसलिए ये समझौता भारत के लिए बहुत जरूरी है.

अमेरिका ने भारत पर लगाया है 26% टैरिफ
इस साल फरवरी में पीएम मोदी ने ट्रंप से वॉशिंगटन में मुलाकात की थी. तब दोनों ने इस व्यापार समझौते की शुरुआत की और इसे “मेगा पार्टनरशिप” बताया. भारत ने पहले ही कई अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम किए हैं और अब और छूट देने को तैयार है. ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया था, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए रोक दिया गया है, जिससे भारत को थोड़ी राहत मिली है.श्‍

बातचीत से सुलझ सकता है मामला?
अगर वेंस और पीएम मोदी के बीच ट्रैरिफ को लेकर कोई बात बन जाए तो भारत के लिए सबसे बड़ा फायदा होगा. भारत चाहता है कि अमेरिका उसके सामानों पर कम टैरिफ लगाए, ताकि निर्यात बढ़े और नौकरियां पैदा हों. उधर भारत और अमेरिका क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) का हिस्सा हैं, जो चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए काम करता है. इस पर भी चर्चा होगी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन को टक्कर देने के लिए भारत पर ट्रंप की सरकार मेहरबान हो सकती है.

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