नई दिल्ली: प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मिट्टी के तेल यानि केरोसिन (Kerosene) से कोई गाड़ी नहीं चलनी चाहिए. कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए केन्द्र सरकार (Central Government) को जल्द से जल्द मिट्टी के तेल से चलने वाली गाड़ियों पर रोक लगाने और सड़क पर ऐसी गाड़ियों को जब्त के निर्देश लागू करने के लिए कहा है. 


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इस मामले में दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राजधानी में सभी प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट के लिए कार्ययोजना बनाई गई है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ हॉटस्पॉट आकार में कम जरूर हो गए हैं लेकिन अभी प्रदूषण पूरी तरह से कम नहीं हुआ है. इस पर दिल्ली के मुख्य सचिव ने कोर्ट में बताया कि हमने ट्रैफिक, खुले कचरे आदि को कम करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. साथ ही जिला आयुक्तों से व्यक्तिगत कदम उठाने के लिए कहा गया है.


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उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण अभी कई फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं. वहीं सड़कों पर भी ट्रैफिक कम है. जिससे राज्य के वायु प्रदूषण में कमी आई है. यही वजह है कि राजधानी के ज्यादातर इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 100 पर बना हुआ है. लेकिन हम आने वाले दिनों में कार्रवाई जारी रखेंगे, ताकि ये आगे ना बढ़ सके और लोगों को स्वच्छ हवा मिलती रहे. 


वहीं पंजाब सरकार (Punjab Government) ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसे कोविड19 के कारण वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है और पंजाब सरकार इस स्थिति में नहीं है कि वह किसान को पराली की समस्या से निपटने के लिए मशीनरी खरीदने के लिए सब्सिडी दे सके. 


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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने से रोकथाम के लिए बने नियमों से किसानों को जागरूक कराया जाना आवश्यक है. इसके लिए पंचायतों की मदद ली जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि राज्य में प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों पर क्या कार्रवाई की गई है? इस बारे में जल्द से जल्द स्टेट्स रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे.


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