स्टिंग ऑपरेशन की जांच: 24 मई को सीएम रावत को CBI के सामने पेश होने को कहा गया
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स्टिंग ऑपरेशन की जांच: 24 मई को सीएम रावत को CBI के सामने पेश होने को कहा गया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को उनसे संबद्ध स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में 24 मई को उसके सामने पेश होने को कहा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रावत को मंगलवार को पेश होने को कहा गया है।

स्टिंग ऑपरेशन की जांच: 24 मई को सीएम रावत को CBI के सामने पेश होने को कहा गया

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को उनसे संबद्ध स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में 24 मई को उसके सामने पेश होने को कहा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रावत को मंगलवार को पेश होने को कहा गया है।

सीबीआई ने पिछले हफ्ते स्टिंग ऑपरेशन के मामले को वापस लेने से संबंधित उत्तराखंड सरकार की अधिसूचना खारिज कर दी थी। एजेंसी ने कहा था कि कानूनी राय लेने के बाद अधिसूचना खारिज कर दी गयी। कानूनी राय थी कि मामले को वापस लेने का कोई आधार नहीं है और यह कानूनसम्मत नहीं है। सीबीआई इस प्रकरण की अपनी प्राथमिक जांच जारी रखेगी जिसमें रावत सरकार को बचाने की कोशिश में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त शामिल है।

सीबीआई ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की जांच के लिए 29 अप्रैल को प्राथमिक जांच दर्ज की थी । स्टिंग में कथित रूप से रावत बागी कांग्रेस विधायकों को उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान उनका समर्थन करने के लिए रिश्वत देते हुए नजर आ रहे हैं। जांच एजेंसी ने रावत को नौ मई को जांच के सिलसिले में बुलाया था लेकिन उन्होंने और समय मांग लिया एवं उसके बाद वह शक्ति परीक्षण जीतकर सत्ता में लौट आए। 

हरीश रावत ने बागी विधायकों द्वारा स्टिंग ऑपरेशन जारी किये जाने के बाद इस आरोप का खंडन किया और इस वीडियो को फर्जी करार दिया। लेकिन बाद में उन्होंने माना कि स्टिंग ऑपरेशन में कैमरे में वहीं हैं। सदन में शक्ति परीक्षण जीतने के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने 15 मई को अपनी बैठक की थी और इस स्टिंग की सीबीआई जांच करने संबंधी अधिसूचना वापस ले ली थी। उसके बजाय, राज्य मंत्रिमंडल ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल बनाने का फैसला किया था क्योंकि यह राज्य का विषय है।

जब उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन था तब यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। रावत द्वारा विधानसभा में अपना बहुमत साबित किये जाने और उनकी सरकार बहाल होने के तत्काल बाद यह अधिसूचना वापस ले ली गयी। मुख्यमंत्री को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली। न्यायालय ने इस स्टिंग की सीबीआई जांच को खारिज करने से इनकार कर दिया। बीस मई को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सर्वेश कुमार गुप्ता ने कहा था कि इस चरण में सीबीआई जांच रद्द करना संभव नहीं है।

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