Uttarakhand: रेस्क्यू ऑपरेशन में 1 और शव हुआ बरामद, मरने वालों की संख्या 11 पहुंची
Uttarakhand Sumna Avalanche: हिमस्खलन प्रभावित सुमना, मलारी गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर है और धौलीगंगा से निकलने वाली दो धाराओं, गिरथीगाड और किओगाठ के संगम पर स्थित है. हिमस्खलन के समय मौके पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के मजदूर काम कर रहे थे.
गोपेश्वर: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले में भारत-चीन सीमा के पास नीति घाटी के सुमना में हुए हिमस्खलन (Avalanche) में मृतकों की संख्या रविवार को 11 पहुंच गई. जानकारी के अनुसार, चमोली जिला प्रशासन ने शुक्रवार को हुए सुमना हादसे में रविवार को एक और शव बरामद किया. जिसके साथ ही 11 मजदूरों की मौत की पुष्टि हो गई.
सुमना में बरामद हुआ एक और शव
उन्होंने बताया कि शवों को वायुसेना के दो विमानों से जोशीमठ लाया गया. जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है. इसके अलावा सात घायलों का इलाज किया जा रहा है. 6 घायल जोशीमठ में आर्मी के अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि एक अन्य को देहरादून रेफर किया गया है.
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रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया और एसपी यशवंत सिंह शनिवार से मौके पर मौजूद हैं. दोनों बचाव और राहत कार्यों की लगातार निगरानी कर रहे हैं. उधर, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन से मिली जानकारी के अनुसार, उनकी टीम मौके पर पहुंच चुकी है और घटना में हताहत लोगों का डेटा तैयार किया जा रहा है.
हिमस्खलन प्रभावित सुमना, मलारी गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर है और धौलीगंगा से निकलने वाली दो धाराओं, गिरथीगाड और किओगाठ के संगम पर स्थित है. हिमस्खलन के समय मौके पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के मजदूर काम कर रहे थे.
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मौके पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), एनडीआरएफ (NDRF) और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) की ज्वाइंट टीम तलाशी और बचाव अभियान चला रही है. इलाके में पिछले दिनों हुई भारी बर्फबारी के चलते हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. सुमना में साल 1991 में भी हिमस्खलन हुआ था, जिसमें आइटीबीपी के 11 जवान मारे गए थे.
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