Silkyara Tunnel Accident Live Updates: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को अब तक नहीं निकाला जा सका है. राहत दलों को तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक सफलता नहीं मिल सकी है. सुरंग में अभी भी सभी 40 मजदूर फंसे हुए हैं. हालांकि, अब बचाव कर्मियों ने टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन मंगाई गई हैं. यह मशीन काफी खास है. इस मशीन का कुल भार 25 टन है. ये हर घंटे 5 टन मलबा निकाला सकती है. यह मशीन 10 घंटे में 50 मीटर खुदाई करेगी. ऑगर मशीन से टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं. इसके लिए विदेशी विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है.


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हम कोशिश कर रहे हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द खत्म हो जाए: DM


उत्तरकाशी सुरंग हादसे में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर डीएम अभिषेक रूहेला ने कहा है, 'फिलहाल फंसे हुए लोगों की सटीक दूरी की गणना करना संभव है. हमने दूसरा पाइप अंदर डाल दिया है, और अभी तक कोई कठिनाई नहीं हुई है. हमें उम्मीद है कि हम सुरंग तक पहुंच जाएंगे. हम कोशिश कर रहे हैं कि ऑपरेशन जल्द खत्म हो जाए.'


टनल में फंसे 22 साल के महादेव की उसके मामा से बातचीत का ऑडियो वायरल


इस बीच टनल में फंसे 40 लोगों में से एक महादेव से उसके मामा ने बातचीत की है. इस चर्चा में महादेव ने कहा,  'मैं और सभी साथी सुरक्षित हैं. परिजन उनकी कुशलता को लेकर चिंता न करें.


पाइप की ड्रिलिंग का काम जारी


ऑगर मशीन की स्थापना का कार्य पूर्ण होने के बाद सुरंग के भीतर जमा मलबे में ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है 6 मीटर लंबे एक पाईप की ड्रिलिंग पूरी हुई. दूसरे पाइप की ड्रिलिंग जारी है. अधिकारियों ने यहां कहा कि सुरंग के अंदर ड्रिलिंग उपकरणों को लगभग स्थापित किया जा चुका है और जल्द ही ड्रिलिंग फिर शुरू कर दी जाएगी.


एनएचआईडीसीएल की ओर से सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी जीएल नाथ ने सुबह करीब आठ बजे कहा था ड्रिलिंग का काम शुरू होने के कुछ घंटों बाद खुशखबरी आ सकती है. इससे पहले नई ड्रिलिंग मशीन स्थापित करने की प्रक्रिया बुधवार रात 11 बजे शुरू की गयी थी. जानकारी के मुताबिक सभी श्रमिक स्वस्थ हैं और उन्हें हर आधा घंटे में खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है.


इससे पहले मंगलवार देर रात मलबे में ड्रिलिंग के दौरान ताजा भूस्खलन होने व मिट्टी गिरने से काम को बीच में रोकना पड़ा था. बाद में ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी. 


रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के फौरन बाद होगा ये काम


उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के ढह जाने से उसमें फंसे श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के बाद उनकी शारीरिक फिटनेस की जांच करने के साथ ही उन्हें मनोवैज्ञानिक परीक्षण और परामर्श से गुजरना होगा. 


वीके सिंह पहुंचे हादसे वाली जगह


उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे में दीपावली से 40 मजदूर फंसे हुए हैं. अब तक मजदूरों को फंसे हुए 4 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन उनको निकालने के हर प्रयास फेल साबित होते जा रहे हैं. ऐसे में आज फंसे मजूदरों की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय नागर विमानन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) वीके सिंह ने सिलक्यारा पहूंचकर टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण किया. जनरल सिंह अभी अधिकारियों की बैठक लेकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा कर रहे हैं. वीके सिंह ने टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों से वार्ता कर उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार रेस्क्यू के लिए हर संभव प्रयास करेगी. संयम रखकर सरकार के प्रयासों में सहयोग करें.


पाइन से की जा रही सप्लाई


उत्तरकाशी के सिल्क्यारा स्थित टनल धंसने से हुए हादसे में फंसे मजदूरों के लिए भोजन सामग्री 125MM Dai के पाइप को ड्रिल करके भेजा जा रहा है. इनमें से 11 पाइप (33M) डाले जा चुके हैं. नवयुगा कंपनी के PRO के अनुसार, 11 पाइप जाने पर दूसरी तरफ फंसे हुए लोगों के द्वारा ड्रिल की आवाज आने के संबंध में अवगत कराया गया है. वर्तमान में खाने की सामग्री 80MM dia के पाइप से की जा रही है.


हर 2 घंटे में दी जा रही हैं दवाई और भोजन सामग्री


मजदूरों को निकालने के लिए खास औगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है. ड्रिल के लिए 900MM के पाइप टनल के अंदर ले जाया जा रहा है. औगर मशीन के अधिकतर पार्ट्स पहुंच चुके हैं और शेष पार्ट्स चिन्यालिसौर से पहुंच रहे हैं. ये मशीनें मलबे को भेदकर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी. इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा. वहीं, फंसे मजदूरों को खाने की सामग्री में काजू , मूंगफली, भीगे चने, भूने चने ,पॉपकॉर्न और दवाईयां हर 2 घंटे में दी जा रही है. सभी फंसे लोग कुशल हैं. 


सीएम ने कहा- सफल होगा रेस्क्यू


उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को 90 घंटे से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी भी बचाव कार्य में सफलता नहीं मिल सकी है. राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी इंदौर से देर रात देहरादून पहुंच गए हैं. वह लगातार सिल्कयारा में निर्माणाधीन टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों में लगी केंद्रीय एजेंसियों की टीम की हौसला अफजाई की और जल्द ही टनल में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू की बात कही है. 


प्रशासन को दिशा-निर्देश


केंद्रीय एजेंसियों को प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सहायता एवं हर संभव मदद हेतु शासन एवं प्रशासन को पूर्व में ही समुचित दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं. फंसे हुए श्रमिकों के परिजनों से निरंतर संपर्क एवं संचार हेतु प्रशासन द्वारा टेलीफोन नंबर जारी किए गए हैं.