Drunk Driving case: सवाल यह भी है कि क्या प्रांशु चौहान को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया जाएगा कि वह कार नहीं चला रहा था या फिर कानून उसे भी सजा देगा? पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या प्रांशु ने हादसे में किसी तरह की लापरवाही या उकसाने वाली भूमिका निभाई थी.
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Vadodara hit and run: गुजरात के वडोदरा में हुए हिट एंड रन केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 13 मार्च की रात करेलीबाग इलाके में तेज रफ्तार फॉक्सवैगन वर्टस कार ने 8 लोगों को रौंद दिया जिसमें 37 वर्षीय महिला हेमाली पटेल की मौत हो गई और 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस दर्दनाक घटना का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें आरोपी रक्षित चौरसिया ‘एक और राउंड’ और ‘ओम नमः शिवाय’ चिल्लाता हुआ दिख रहा है. हादसे के वक्त कार में उसका दोस्त प्रांशु चौहान भी मौजूद था जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है. सवाल उठता है कि क्या हादसे में बगल की सीट पर बैठे दोस्त की भी जिम्मेदारी बनती है?
पहले जानिए हादसा कैसे हुआ?
असल में उस रात 11:15 बजे वडोदरा के पॉश इलाके करेलीबाग में एक काले रंग की तेज रफ्तार कार ने 3 वाहनों को टक्कर मारी और 8 लोगों को चपेट में ले लिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार सवार युवक नशे की हालत में थे. टक्कर के बाद भी वे अजीब हरकतें करते रहे. रक्षित चौरसिया कार चला रहा था जबकि उसके बगल में प्रांशु चौहान बैठा था. वीडियो में प्रांशु ड्राइवर का हाथ झटकते हुए खुद को निर्दोष बता रहा था. हादसे के बाद गुस्साई भीड़ ने रक्षित को पकड़कर पीटा जबकि प्रांशु मौके से भाग गया. पुलिस ने बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया.
क्या नशे में था आरोपी?
पुलिस जांच के मुताबिक रक्षित ने भांग का सेवन किया था. हादसे के तुरंत बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के ब्लड सैंपल लिए जिनकी रिपोर्ट अभी लंबित है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी ने दुर्घटना के बाद कार से एक शराब की बोतल भी फेंकी थी. हालांकि रक्षित का दावा है कि वह नशे में नहीं था और सड़क पर गड्ढों के कारण कार का नियंत्रण खो बैठा.
प्रांशु चौहान की क्या भूमिका?
हादसे के वक्त कार में मौजूद प्रांशु चौहान से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति ड्राइवर के नशे में होने के बावजूद उसे गाड़ी चलाने से नहीं रोकता तो वह भी दोषी माना जा सकता है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या प्रांशु ने हादसे में किसी तरह की लापरवाही या उकसाने वाली भूमिका निभाई थी. अगर ऐसा पाया जाता है तो उस पर भी गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो सकता है.
आरोपियों पर कौन कौन सी धाराएं लगीं?
वडोदरा पुलिस ने रक्षित चौरसिया और प्रांशु चौहान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 281 (लापरवाही से वाहन चलाना), 125(A), 125(B) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 व 184 के तहत केस दर्ज किया है. इनमें गैर इरादतन हत्या के आरोप में 5 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.
आगे क्या होगा?
पुलिस अब सभी सबूत इकट्ठा कर रही है और गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. अस्पताल में भर्ती घायलों के बयान भी महत्वपूर्ण होंगे. जांच पूरी होने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां सजा तय की जाएगी. सवाल यह भी है कि क्या प्रांशु चौहान को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया जाएगा कि वह कार नहीं चला रहा था या फिर कानून उसे भी सजा देगा? इसका फैसला न्यायपालिका करेगी.