PAK गोले बरसा रहा था और धमाकों के बीच खड़े वाजपेयी मुस्कुरा रहे थे : पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक
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PAK गोले बरसा रहा था और धमाकों के बीच खड़े वाजपेयी मुस्कुरा रहे थे : पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक

अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. राजनीतिक गलियारे में सत्ता हो या विपक्ष सभी दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.

पूर्व सेना प्रमुख वीपी मलिक ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है

नई दिल्ली : गुरुवार 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एम्स में शाम 5.05 बजे अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और बीते 11 जून से एम्स में भर्ती थे. 15 अगस्त को उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई. डॉक्टरों ने उन्हें वेंटीलेटर पर रखा, लेकिन उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ. 

वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. राजनीतिक गलियारे में सत्ता हो या विपक्ष सभी दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.

पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वाजपेयी वास्तव में महान नेता थे. वे हर परिस्थिति में डटकर खड़े रहने वाले नेता थे. पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपनी स्मृतियों को ज़ी न्यूज़ के साथ साझा करते हुए वीपी मलिक ने बताया कि बात उन दिनों की है जब कारगिल युद्ध चल रहा था. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी युद्ध के हालात का जायजा लेने के लिए कारगिल गए. उनके साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस, भारत के मुख्य सचिव तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे ब्रजेश चन्द्र मिश्र और वे खुद मौजूद थे. 

वीपी मलिक ने बताया, 'जब वाजपेयी कारगिल में हेलीपैड पर खड़े थे. उस समय पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर गोलीबारी और बमबारी शुरू कर दी. हमें धमाकों की आवाज सुनाई दे रही थी, जगह-जगह से उठता हुआ धुआं दिखाई दे रहा था. हम लोग प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे, लेकिन वे एकदम शांत खड़े इस बमबारी को देख रहे थे. मैंने जब उनकी तरफ देखा तो वे मुस्कुरा रहे थे.'

पूर्व सेना प्रमुख ने बताया कि उन्होंने ऐसी शख्सियत पहले कभी नहीं देखी, जो इस खतरे की घड़ी में इतना शांत होकर मुस्कुरा रहा हो. 

बता दें कि 26 जुलाई, 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होता है. करीब 18 हजार फुट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था और 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे.

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