वरुण गांधी को कांग्रेस में लाने पर काम कर रही हैं प्रियंका गांधी?
वरुण गांधी (Varun Gandhi) के सामने भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर कांग्रेस में जाने का पहला विकल्प है. भले ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अलग विचारधारा की बात कहकर वरुण के कांग्रेस में आने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था, लेकिन रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अब इसमें प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की एंट्री हो गई है और वो वरुण गांधी को कांग्रेस में लाने पर काम कर रही हैं. प्रियंका और वरुण शुरुआत से ही एक-दूसरे के करीबी रहे हैं, लेकिन अब दोनों भाई-बहन के बीच पारिवारिक बातचीत से अलग राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने लगी है.
वरुण गांधी के पास समाजवादी पार्टी में जाने का दूसरा विकल्प!
बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के पास कांग्रेस (Congress) में जाने के अलावा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से जुड़ने का भी विकल्प है. हाल ही में शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने वरुण गांधी के सपा में आने पर कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराने वाले नेता का सपा (SP) में स्वागत है. वहीं, वरुण ने भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तारीफ की थी, जिसके बाद उनके सपा में जाने की चर्चा होने लगी.
वरुण गांधी को 2024 के चुनाव से पहले मिला तीसरा विकल्प!
कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में जाने के अलावा अब वरुण गांधी (Varun Gandhi) को एक तीसरा विकल्प मिल गया है और रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि उन्होंने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार वरुण गांधी किसी एक पार्टी में शामिल ना होकर 2024 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं और वो जल्द ही इस पर सभी विपक्षी पार्टियों से बात भी कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि वरुण 2024 के चुनाव में एक बार फिर पीलीभीत लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ने पर ध्यान दे रहे हैं.
अब तक ऐसा रहा है वरुण गांधी का पॉलिटिकल करियर
वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (BJP) से की थी और अभी भी वो इसी पार्टी से जुड़े हैं. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार के कामों पर सवाल उठा चुके हैं, लेकिन कभी भी उन्होंने पार्टी छोड़ने की बात की है. इतना ही नहीं, उन्होंने कभी भी बीजेपी के किसी नेता पर भी निशाना नहीं साधा है. हालांकि, उनके बयानों की वजह से उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें लगातार लगाई जा रही है.
वरुण पहली बार साल 1999 में राजनीतिक मंच पर कदम रखा था, जब उन्होंने अपनी मां मेनका गांधी (Maneka Gandhi) के लिए लोकसभा चुनाव में पीलीभीत में प्रचार करना शुरू किया. वरुण गांधी की भारतीय जनता पार्टी (BJP) में आधिकारिक एंट्री साल 2004 में हुई. साल 2009 में पहली बार पार्टी ने उन्हें पीलीभीत से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया और चुनाव जीतकर वो पहली बार लोकसभा पहुंचे. वरुण की पहचान एक 'फायरब्रांड नेता' के रूप में रही है और वो पीलीभीत से लगातार तीन बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं.
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