मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने कृषि कानूनों के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन को टालने की घोषणा की है. उन्होंने कहा था कि वो केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को महाराष्ट्र में अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे, लेकिन उन्होंने अनिश्चितकालीन अनशन को टालने का फैसला किया है.


अन्ना हजारे ने क्यों टाला अनशन


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कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ अनशन पर अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने शुक्रवार को कहा, 'केंद्र सरकार ने मेरी कुछ मांगों पर सहमति जताई है और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक समिति गठित करने की भी घोषणा की है. मैंने शनिवार से शुरू हो रहे अपने प्रस्तावित अनिश्चितकालीन अनशन को स्थगित करने का फैसला किया है.'


अन्ना ने की थी अनशन की घोषणा


अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने इससे पहले गुरुवार को जारी एक बयान में कहा था कि मैं कृषि क्षेत्र में सुधारों की मांग करता रहा हूं, लेकिन केंद्र सही फैसले लेते नहीं दिख रहा है. किसानों को लेकर केंद्र कतई संवेदनशील नहीं है, इसीलिए मैं 30 जनवरी से अपने गांव में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर रहा हूं. हालांकि शाम के समय केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने उनसे बातचीत की थी, जिसके बाद उन्होंने अनशन नहीं करने का फैसला किया.


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अन्ना ने समर्थकों से की थी ये अपील


अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अहमदनगर जिले में स्थित उनके गांव में एकत्र नहीं हों. बल्कि जो जहां पर हैं, वहीं से उनका समर्थन करें. बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.


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