केंद्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिये केंद्र सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर किए जाने का स्वागत किया है.वीएचपी ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है.
केंद्र ने अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की अनुमति मांगने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
'हम इसका स्वागत करते हैं'
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘यह जमीन राम जन्मभूमि न्यास की है और यह किसी वाद में नहीं है. यह कदम (सरकार का) सही दिशा में उठाया गया कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं.’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राम जन्म भूमि न्यास की भूमि को उसे वापस दिए जाने संबंधी केंद्र सरकार की सर्वोच्च न्यायालय में की गई प्रार्थना का विश्व हिन्दू परिषद् ने स्वागत किया है . न्यास ने यह भूमि भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर हेतु ली थी .
कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने 1993 में कुल मिला कर 67.703 एकड़ भू भाग का अधिग्रहण किया था. यह भू भाग राम जन्म भूमि न्यास की भूमि को मिला कर था. उन्होंने कहा कि इसमें से काफी कम जमीन न्यायालय में विवादित है. राम जन्मभूमि न्यास की भूमि को मिलाकर शेष सभी भू भाग पर किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है.
आलोक कुमार ने कहा कि वीएचपी को विश्वास है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार की इस अर्जी का शीघ्र निपटारा करेगा .
(इनपुट - भाषा)