Video: कहीं मिलती है आंखें निकालने की धमकी तो कोई देता है भद्दी गालियां, देखिए घाटी में क्‍या है जवानों की दशा
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Video: कहीं मिलती है आंखें निकालने की धमकी तो कोई देता है भद्दी गालियां, देखिए घाटी में क्‍या है जवानों की दशा

घाटी में सक्रिय हर अराजकतत्‍व को पता था कि सीजफायर के दौरान सुरक्षाबलों के हाथ सीजफायर के आदेश की डोर से बंधे हुए हैं. सुरक्षाबलों के हाथों में मौजूद AK-47राइफल एक खिलौना से ज्‍यादा कुछ भी नहीं है. सुरक्षाबलों के साथ कुछ भी कर लो, उनके हाथों में मौजूद AK-47गर्म लोहा नहीं उगलेगी.

घाटी में सुरक्षाबलों को धमकी और भद्दी गालियां देकर अराजकतत्‍व बेवजह उकसाने की कोशिश कर रहे हैं.

नई दिल्‍ली: जम्‍मू और कश्‍मीर में दिन-ब-दिन बदतर होते हालात के बीच रविवार को सुरक्षाबलों के लिए एक सुकून भरी खबर आई. यह सुकून भरी खबर गृहमंत्रालय द्वारा जम्‍मू-कश्‍मीर में सीजफायर को खत्‍म करने के ऐलान से जुड़ी थी. दरअसल, रमजान के महीने में कश्‍मीरी नागरिकों के सुकून को ध्‍यान में रखकर लिए गए इस फैसले ने सुरक्षाबलों के लिए कई तरह की मुश्किलें खड़ी कर दी थी. इस एक महीने के दौरान घाटी की कानून व्‍यवस्‍था तो बेकाबू हो ही चली थी, साथ में सुरक्षाबलों के लिए अपने आत्‍मसम्‍मान की रक्षा करना मुश्किल हो गया था.

  1. छोटी-छोटी बातों पर घाटी में लोग सुरक्षाबलों को धमकी दे रहे हैं
  2. आदेश की डोर से बंधे जवानों को सुननी पड़ती है भद्दी गालियां
  3. बीते एक महीने में हर दिन जवानों ने झेला बेवजह लोगों का गुस्‍सा

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घाटी में सक्रिय हर अराजकतत्‍व को पता था कि सीजफायर के दौरान सुरक्षाबलों के हाथ सीजफायर के आदेश की डोर से बंधे हुए हैं. सुरक्षाबलों के हाथों में मौजूद AK-47राइफल एक खिलौना से ज्‍यादा कुछ भी नहीं है. सुरक्षाबलों के साथ कुछ भी कर लो, उनके हाथों में मौजूद AK-47गर्म लोहा नहीं उगलेगी. हालात यहां तक पहुंच गए थे कि घाटी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों को कोई भी कुछ भी बोलकर निकल जाता था. कोई उन पर तंज कसता था, कोई उन्‍हें आंखे निकालने की धमकी देता था, तो कोई भद्दी गालियां देने से भी नहीं चूकता था.

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इसी तरह की एक घटना का वीडियो इन दिनों सोशल नेटवर्किंग साइट पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में CRPF का एक वाहन सड़क पर खड़ा दिख नजर आ रहा है. कुछ लोग CRPF के इस वाहन में मौजूद ड्राइवर से बोल रहे हैं कि आपकी वजह से पूरा जाम लग गया है. तभी एक दूसरा शख्‍स बीच में कूदता है. पहले यह शख्‍स CRPF के ड्राइवर के लिए गंवार जैसे शब्‍दों का इस्‍तेमाल करता है. इस दौरान CRPF के ड्राइवर से सिर्फ इतनी सी गुस्‍ताखी होती है कि वह उस शख्‍स की तरफ देखने लगता है.
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फिर क्‍या था इस शख्‍स का गुस्‍सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. इस शख्‍स ने पहले CRPF के ड्राइवर को धमकी दी कि 'घूर के मत देख, आंखे निकाल लूंगा.'  यह शख्‍स की जुबां यहीं पर नहीं थमती है. वह CRPF के ड्राइवर को भद्दी गालियां देने लगता है. इस सब के बावजूद CRPF का ड्राइवर खून का घूंट पीकर चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठा रहता है. इसी बीच मौके पर मौजूद कुछ लोग गाली दे रहे इस शख्‍स को वहां से भगा देते हैं. यह घटना घाटी में सुरक्षाबलों के हालात की सिर्फ एक बानगी है.

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हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि लोग खामोशी से गुजर रहे सुरक्षाबलों को पहले अपनी गालियों से उकसाने की कोशिश करते हैं. इसके बाद, उन पर बेवजह पत्‍थरों की बरसात कर दी जाती है. आलम यह है कि बीते एक महीने में शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरा हो, जब किसी भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजरते वक्‍त सुरक्षाबलों को स्‍थानीय अराजकतत्‍वों के गुस्‍से और पत्‍थरों का सामना न करना पड़ा हो. इस सब के बावजूद अनुशासन और आदेश पर अडिग रहने की शपथ सुरक्षाबलों को खामोश रहकर खून का घूंट पीने के लिए मजबूर करती रही है.

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अब देखना यह है कि घाटी में सीजफायर खत्‍म होने के बाद अब अराजकतत्‍वों का अगला कदम क्‍या होता है? इस कदम के जवाब में बीते एक महीने से घून का घूंट पी रहे सुरक्षाबल उसका जवाब कैसे देते हैं. सुरक्षाबलों की कोशिश यही है कि किसी भी उकसावे को बढ़ावा न देते हुए घाटी में कानून व्‍यवव्‍था को बरकारा रखा जाए. लिहाजा, घाटी में तैनात सुरक्षाबलों की काउंसलिंग रोजाना सुबह ब्रीफिंग के दौरान की जा रही है. उन्‍हें कहा जा रहा है कि अराजकतत्‍व उनके सामने ऐसी परिस्थितियां पैदा करेंगे, जो उन्‍हें कार्रवाई के लिए उकसाएंगी, लेकिन उन्‍हें हर हालत में संयम बनाए रखना है.

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