VIDEO: ऐसा क्या हुआ कि भारतीय सेना का दिल्ली एयरपोर्ट पर तालियों से हुआ वेलकम
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VIDEO: ऐसा क्या हुआ कि भारतीय सेना का दिल्ली एयरपोर्ट पर तालियों से हुआ वेलकम

एक तरफ जहां कश्मीर में उपद्रवी युवा सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसा रहा है तो वहीं दूसरी ओर सेना के जज्बे को सलाम करने वाले भारतीय भी देश में मौजूद हैं.

भारतीय सेना के जवानों का दिल्ली एयरपोर्ट पर तालियों से स्वागत.

नई दिल्ली: एक तरफ जहां कश्मीर में उपद्रवी युवा सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसा रहा है तो वहीं दूसरी ओर सेना के जज्बे को सलाम करने वाले भारतीय भी देश में मौजूद हैं.

ऐसा ही एक नज़ारा दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर देखने को मिला जब भारतीय सेना के जवानों का वहां तालियों से स्वागत किया गया.   

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भारतीय सेना के ये जवान संयुक्त राष्ट्र मिशन से जुड़े हैं. गौरतलब है कि घाटी में जारी हिंसा के दौरान वहां शांति कायम रखने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा उठाए गए कदम में कश्मीरी युवक की मौत हो गई थी जिसके बाद कुछ तबकों में सेना की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए गए थे. 

कश्मीर घाटी में पिछले कुछ सप्ताह से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के लिए नौ अप्रैल को हुए मतदान के दिन भी हिंसा हुई जिसमें आठ लोग मारे गए.

 

कश्मीर घाटी में हिंसा: महबूबा सरकार ने सुरक्षा बलों से संयम बरतने को कहा

कश्मीर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच राज्य कैबिनेट ने मंगलवार (18 अप्रैल) को जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सुरक्षा बलों से कहा कि कानून-व्यवस्था की घटनाओं से निपटते हुए वे अधिकतम संयम बरतें.

प्रवक्ता ने कहा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने ‘सिविल सोसायटी और अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे युवाओं को हिंसक प्रदर्शनों से दूर रहने के लिए समझाएं, क्योंकि अधिकतम संयम बरतने के बावजूद कई बार इसके जानलेवा परिणाम हो सकते हैं.’ 

कश्मीर घाटी में पिछले कुछ सप्ताह से चल रही अशांति की पृष्ठभूमि में बुलायी गयी इस बैठक में सुरक्षा तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गयी और हिंसा प्रदर्शनों के दौरान ‘जनहानि को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया.’

उमर ने जम्मू कश्मीर राज्य के छात्र प्रदर्शन से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए

विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार (17 अप्रैल) को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा छात्रों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए.

उन्होंने समूची घाटी के कॉलेज छात्रों के सड़कों पर उतरने के बाद एक ट्वीट में कहा, ‘मुझे आशा है कि महबूबा मुफ्ती ने घाटी में छात्रों के सामूहिक प्रदर्शन के असर के बारे में सोचा होगा. यह गहरी चिंता की स्थिति है.’ 

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘पुलवामा झड़पों के बाद कुछ दिन के लिए सभी कालेजों, विश्वविद्यालयों को बंद क्यों नहीं किया जा सका? क्या महबूबा मुफ्ती स्थिति को लेकर सतर्क नहीं हैं?’

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