पाकिस्तान के साथ ही भारत ने इस पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा पर बढ़ाई सुरक्षा, यह है बड़ी वजह
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पाकिस्तान के साथ ही भारत ने इस पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा पर बढ़ाई सुरक्षा, यह है बड़ी वजह

असम राइफल्स के अधिकारी ने कहा कि राज्य के चंदेल, चूराचांदपुर और उखरुल जिलों में आतंकवादियों और मादक पदार्थ तस्करों की संभावित गतिविधि को लेकर खुफिया सूचना मिलने के बाद यह जरूरी कदम उठाये गये हैं.

केंद्र के साथ संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर करने के बाद 1997 से एनएससीएन (आईएम) की गतिविधि शांत रही है. (फाइल फोटो)

इंफाल: संभावित मानव तस्करी और अवैध मादक पदार्थ तस्करी पर लगाम लगाने के लिये मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा के पास असम राइफल्स ने सतर्कता बढ़ा दी है. अर्द्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि सीमाई शहर मोरे जाने वाले स्थानीय लोगों में अधिकतर कारोबारी होते हैं, उन्हें समुचित पहचान पत्रों के साथ ही यात्रा करने का निर्देश दिया गया है.

मौजूदा द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के स्थानीय लोगों को सीमा से 16 किलोमीटर अंदर तक बिना दस्तावेज के यात्रा करने की अनुमति है. असम राइफल्स के अधिकारी ने कहा कि राज्य के चंदेल, चूराचांदपुर और उखरुल जिलों में आतंकवादियों और मादक पदार्थ तस्करों की संभावित गतिविधि को लेकर खुफिया सूचना मिलने के बाद यह जरूरी कदम उठाये गये हैं.

 

पड़ोसी मिजोरम में 12 संदिग्ध रोहिंग्या को कथित मानव तस्कर गिरोह से बचाये जाने तथा उखरुल जिले के शिहाई गांव में आतंकवादी संगठन एनएससीएन (आईएम) द्वारा स्थापित ‘अवैध शिविरों’ के खुलासे के मद्देनजर यह एहतियाती उपाय किये गये हैं.

केंद्र के साथ संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर करने के बाद 1997 से एनएससीएन (आईएम) की गतिविधि शांत रही है. संघर्ष विराम के जमीनी नियमों के अनुसार संगठन के सदस्य नगालैंड स्थित अपने निश्चित शिविरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं.

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