विजय माल्या प्रत्यर्पण मामले में लंदन कोर्ट ने स्वीकार किए भारत के सबूत, अगली सुनवाई 11 जुलाई को
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विजय माल्या प्रत्यर्पण मामले में लंदन कोर्ट ने स्वीकार किए भारत के सबूत, अगली सुनवाई 11 जुलाई को

विजय माल्या करीब 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भारत में वांछित हैं. 

फाइल फोटो

लंदन : विजय माल्या प्रत्यर्पण मामले में शुक्रवार को लंदन में वेस्टमीनिस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एक अच्छी बात यह हुई कि अदालत ने भारतीय अधिकारियों की ओर से सौंपे गए बहुत सारे साक्ष्यों को स्वीकार कर लिया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी. विजय माल्या करीब 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भारत में वांछित हैं. पिछले साल अप्रैल में स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से प्रत्यर्पण वॉरंट पर अपनी गिरफ्तारी के बाद से वह 650,000 पाउंड की जमानत पर हैं. शुक्रवार को उनकी जमानत अवधि अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई. 

  1. विजय माल्या पर 9400 करोड़ से ज्यादा का कर्ज
  2. गिरफ्तारी के बाद से 6,50,000 पाउंड की जमानत पर
  3. 4 दिसंबर को लंदन की अदालत में सुनवाई शुरू हुई

अदालत जब अगली सुनवाई करेगी तो वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट के समक्ष मौखिक दलीलें दी जाएंगी. इसके बाद न्यायाधीश अगली सुनवाई में मामले पर फैसले की अपनी योजना के संकेत दे सकती हैं. 

अदालत में एक और दिन
इससे पहले, माल्या सुनवाई के सिलसिले में अदालत आए थे जिस दौरान सीबीआई को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब न्यायाधीश ने पुष्टि की कि भारतीय अधिकारियों की ओर से सौंपे गए बहुत सारे साक्ष्य स्वीकार किए जाएंगे. माल्या ने स्थानीय वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर पत्रकारों को बताया, ‘अदालत में एक और दिन.’ 

आज की सुनवाई ऐसे समय में हुई जब प्रत्यर्पण पर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के एक पिछले फैसले के खिलाफ भारत सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में की गई अपील नकार दी गई थी. साल 2000 में दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये से जुड़े मैच फिक्सिंग मामले में अहम आरोपी और भारत में वांछित संजीव कुमार चावला को दिल्ली के तिहाड़ जेल की गंभीर स्थितियों के मुद्दे पर मानवाधिकारों के आधार पर पिछले साल अक्तूबर में आरोपमुक्त कर दिया गया था. चावला को प्रत्यर्पित किए जाने पर तिहाड़ जेल में ही रखने की तैयारी थी. 

जिला न्यायाधीश रेबेका क्रेन ने चावला को आरोप मुक्त करने के अपने फैसले के लिए यूरोपीय परिषद की यातना रोकथाम समिति (सीपीटी) के निर्वाचित सदस्य और स्कॉटिश कारागार सेवा में स्वास्थ्य देखभाल मामलों के पूर्व प्रमुख डॉ. एलेन मिचेल की गवाही को आधार बनाया था. माल्या की बचाव टीम ने उन्हीं जेल विशेषज्ञों से गवाही दिलवाई, जिन्होंने न्यायाधीश अर्बर्थनॉट को मुकदमे की सुनवाई के दौरान कहा कि सभी भारतीय जेलों की दशा असंतोषजनक है. 

2016 को छोड़ा था भारत
पिछले साल चार दिसंबर को लंदन की अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी, जिसका मकसद माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को प्रथम दृष्टया स्थापित करना है. माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर जाने के बाद ब्रिटेन में रह रहे हैं. माल्या की बचाव टीम ने दावा किया था कि उनकी कोई गलत मंशा नहीं है और भारत में उन पर निष्पक्ष तरीके से मुकदमा चलाने की संभावना नहीं है. यदि न्यायाधीश भारत सरकार के पक्ष में फैसला देती हैं तो ब्रिटेन के विदेश मंत्री के पास माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत के लिए दो महीने का वक्त होगा. 

विजय माल्या पर कितना कर्ज?
विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइन्स पर 17 बैंकों का 6963 करोड़ रुपए का कर्ज है. हालांकि, ब्याज मिलाकर यह कर्ज कुल 9400 करोड़ रुपए से ज्यादा है. आरोप है कि विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स ने IDBI से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया. आपको बता दें, किंगफिशर एयरलाइन्स को 2012 में बंद कर दिया गया था और 2014 में फ्लाइंग परमिट भी रद्द किया गया था.

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