तमिलनाडु के इस गांव में इसलिए नहीं जलती हैं स्ट्रीट लाइट्स, जानकर होगी हैरानी
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तमिलनाडु के इस गांव में इसलिए नहीं जलती हैं स्ट्रीट लाइट्स, जानकर होगी हैरानी

देश के अधिकांश इलाकों में अनलॉक शुरू होने के बाद लोग घरों के बाहर निकल रहे हैं, वहीं इन लोगों का पक्षियों से प्रेम उन्हें गांव के बाहर नहीं जाने देता है.

गौरेया पक्षी | प्रतीकात्मक फोटो

शिवगंगा: तमिलनाडु (Tamilnadu) के एक गांव के लोग पक्षियों की सुरक्षा के लिए स्ट्रीट लाइट्स नहीं जलाते हैं. शिवगंगा जिले के पोथाकुडी गांव के लोग अपने पक्षी प्रेम की वजह से सूरज डूबने के बाद भी अंधेरे में रहते हैं. दरअसल ऐसा करने की वजह गौरेया (Sparrow) पक्षी है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘कुरुवी’ कहते हैं. मेगपाई रॉबिन (Magpie-Robin) जैसी दिखने वाली प्रजाति को बचाने के लिए गांव वालों ने स्ट्रीट लाइट नहीं जलाने के लिए सामूहिक रूप से फैसला लिया था. देश के अधिकांश इलाकों में अनलॉक शुरू होने के बाद लोग घरों के बाहर निकल रहे हैं, वहीं इन लोगों का पक्षियों से प्रेम उन्हें गांव के बाहर नहीं जाने देता है.

  1. गौरैया का परिवार बचाने की मुहिम
  2. 35 दिन से नहीं जली हैं स्ट्रीट लाइट्स
  3. व्हाट्स एप ग्रुप बना कर हुई देखभाल

फैसले के पीछे है दिलचस्प कहानी- 
पोथाकुडी गांव में करीब 100 परिवार रहते हैं. यहां स्थानीय प्रशासन ने 35 स्ट्रीट लाइट्स लगाई हैं, जो एक कॉमन स्विच बोर्ड से जुड़ी हैं. सबसे पहले बीस साल के एक छात्र करुप्पूराजा की नजर स्विच बोर्ड पर मौजूद घोसले और वहां रखे अंडों पर पड़ी. उसने गांव वालों को बताया तो इस परिवार को बचाने के लिए वाट्सएप ग्रुप बना कर सुरक्षा के नियम तय हो गए.

अब गांव वालों की इस मुहिम की मिसाल दी जा रही है क्योंकि यहां करीब 35 दिन से एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जली है. गांव में ही रहने वाले कार्तिक के मुताबिक सभी इस बात से सहमत थे कि बार-बार स्विच ऑन-ऑफ करने से अंडे टूट सकते हैं और वो चाहते थे कि इनकी चहचहाहट से आगे भी उनका गांव गूंजता रहे.

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