एनआईए ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में आतंक के वित्तपोषण के एक साजिशकर्ता को शनिवार को गिरफ्तार किया.
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नई दिल्ली: एनआईए ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले (Visakhapatnam spying case) में आतंक के वित्तपोषण के एक साजिशकर्ता को शनिवार को गिरफ्तार किया. जासूसी के इस सनसनीखेज मामले में नौसेना के 11 कर्मियों ने कथित तौर पर संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाईं.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि आतंक के वित्तपोषण मामले में मुंबई का निवासी अब्दुल रहमान अब्दुल जब्बार शेख (53) संलिप्त था. मामले में शेख की पत्नी शाइस्ता कैसर और अन्य भी शामिल थे.
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प्रवक्ता ने कहा कि उसके घर की तलाशी लेने पर एनआईए ने कई सारे डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए. पिछले साल दिसंबर में एनआईए ने जांच का जिम्मा संभाला था.
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान से जुड़े जासूसी गिरोह का पर्दाफाश किया था. एनआईए ने मुंबई निवासी मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को पिछले महीने गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि मामले में वह मुख्य साजिशकर्ता था.
शेख की गिरफ्तारी के साथ अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें 11 नौसैन्य कर्मी, पाकिस्तान में जन्मी भारतीय नागरिक कैसर और उसके सहयोगी भी शामिल हैं.
पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंसी ने भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों तथा अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटाने के लिए भारत में जासूसों की भर्ती की.
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एनआईए ने पिछले महीने कहा था, 'जांच से पता चला है कि कुछ नौसैन्य कर्मी फेसबुक और वाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिए पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में आए और धन के लालच में गोपनीय सूचनाएं साझा करने में संलिप्त हुए. पाकिस्तान में कारोबारी हित वाले भारतीय सहयोगियों के जरिए नौसेना के कर्मियों के बैंक खाते में धन जमा कराया गया.'