राम मंदिर निर्माण के लिए अनंतकाल तक कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकते हैं: VHP
Advertisement
trendingNow1484897

राम मंदिर निर्माण के लिए अनंतकाल तक कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकते हैं: VHP

वीएचपी ने कहा है कि यह मामला पिछले 29 सालों से चल रहा है, इसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में 2011 से चल रही है. 

फोटो सौजन्य: ANI

नई दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए पीएम मोदी के बयान से असहमति जताते हुए सरकार से इस पर कानून बनाने की मांग की है. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिंदू समाज अनंतकाल तक कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए सरकार को ससंद में कानून बनाना चाहिए. आलोक कुमार ने कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी का राम जन्मभूमि संबंधित बयान हमने देखा है. यह मामला पिछले 29 सालों से चल रहा है, इसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में 2011 से चल रही है.

उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर तक सुनवाई के लिए आया था. लेकिन तब तक उस बेंच का गठन नहीं हुआ था जो इस पर सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के जल्दी सुनवाई करने की मांग खारिज कर दिया था. अब ये सुनवाई 4 जनवरी को रही है.

वीएचपी का कहना है कि जिस पीठ को इसे सुनना चाहिए उसका गठन नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने जो ऑफिस रिपोर्ट निकाली है उसमें कहा गया है कि पीठ का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में नहीं लगता है कि जल्द ही कोर्ट का फैसला आएगा. इसलिए हम चाहते है कि सरकार के इसी कार्यकाल में संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया जाए.

वीएचपी ने बताया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रयागराज में प्रस्तावित कुंभ मेले में 31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्म संसद होगी और पूज्य संत इस पर निर्णय लेंगे कि राम मंदिर बनाने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए. 

आपको बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश लाने के विचार को आरएसएस ने सकारात्मक कदम बताया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि इस सरकार के कार्यकाल में सरकार वह वादा पूर्ण करें ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है. संघ ने कहा है कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभाव्य प्रयास करने का वादा किया है. भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर भाजपा को बहुमत दिया है.

आरएसएस का कहना है कि इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था की अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य क़ानून बनाने (enabling legislation) का प्रयास करेंगे.हमें आज का प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है. प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है. 

संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले की यह प्रतिक्रिया राम मंदिर पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद आई है. दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने पर ही राम मंदिर निर्माण के सिलसिले में सरकार कोई कदम उठाएगी. 

fallback

उल्लेखनीय है कि राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चार जनवरी को सुनवाई होनी है. वहीं, आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों सहित हिंदुत्व संगठनों तथा बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना राम मंदिर के शीघ्र निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की हिमायत कर रही है.

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news