नई दिल्‍ली : अक्‍सर अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले वीएचपी के कद्दावर नेता प्रवीण तोगड़िया सोमवार को उस वक्‍त फिर चर्चा में आए, जब एकाएक वे 'लापता' हो गए. कई घंटों तक 'लापता' रहने के बाद तोगड़िया सोमवार को बेहोशी की हालत में अहमदाबाद के एक पार्क में मिले, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद मंगलवार सुबह अचानक उन्‍होंने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए अपने एनकाउंटर की साजिश रचे जाने के सनसनीखेज आरोप लगा डाले. उन्‍होंने इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (आईबी) पर भी लोगों को धमकाने के आरोप लगाए.


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आइये, जानते हैं विश्व हिंदू परिषद के कद्दावर नेता प्रवीण तोगड़िया के बारे में खास बातें...


  • प्रवीण तोगड़िया का जन्‍म 12 दिसंबर 1956 को गुजरात के अमरेली जिले के साजन टिंबा गांव में हुआ था.

  • 10 साल की उम्र में वे अहमदाबाद आ गए और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए.

  • तोगड़िया सौराष्ट्र के किसान परिवार में जन्मे और पटेल समुदाय से आते हैं.

  • उन्‍होंने बचपन से ही संघ की शाखाओं में जाना शुरू कर दिया था. 

  • 1971 में 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक स्वयंसेवक बन गए.

  • उन्‍होंने प्रचारक रामेश्वर पालीवाल रे के मार्गदर्शन में स्वयंसेवक के रूप में अपना जीवन शुरू किया.

  • तोगड़िया मेडिकल के स्टूडेंट भी रहे और उन्होंने पहले MBBS और फिर एमएस की पढ़ाई पूरी की.

  • 1983 में सिर्फ 27 साल की उम्र में प्रवीण तोगड़िया विहिप से जुड़े. 

  • राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका को देखते हुए उन्हें वीएचपी का महासचिव बनाया गया.

  • अशोक सिंघल के निधन के बाद तोगड़िया को वीएचपी का अध्यक्ष बनाया गया.

  • वीएचपी के भारत और विदेशों में करीब 20 लाख सदस्य हैं. 

  • वीएचपी के अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद तोगड़िया एक डॉक्टर में रूप में काम करते रहे. 

  • तोगड़िया महीने में एक हफ्ते रोगियों की जांच के लिए देते हैं. 

  • अहमदाबाद में उन्होंने धनवंतरी अस्पताल की स्थापना भी की है.

  • प्रवीण तोगडि़या अटल बिहार वाजपेयी सरकार में अपने त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम को लेकर काफी विवादों में रहे. 

  • एक समय ऐसा था कि जब गुजरात में सरकार किसी की भी हो, लेकिन तोगड़िया वहां बड़ी ताकत हुआ करते थे.

  • बाद में नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद उनके रुतबे में कमी आई.

  • 2002 में गुजरात के तत्कालीन सीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि तोगड़िया सरकार के कामकाज विशेषकर गृह विभाग के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

  • उनके ऊपर विवादित बयानों के खिलाफ कई सारे मामले भी दर्ज हैं.