Rahul Gandhi Vote Chori Supreme Court: राहुल गांधी ने काफी समय से वोट चोरी का मुद्दा उछाल रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के पास मामला पहुंचा और एसआईटी से उन आरोपों की जांच की मांग की लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बात कह दी.
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Supreme Court News: हाल के कुछ महीनों में कांग्रेस, खासतौर से राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं. बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची. मामला 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र में कथित तौर पर मतदाता सूची में हेरफेर का है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तरफ से लगाए इन आरोपों की जांच के लिए पूर्व जज की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (SIT) के गठन की मांग वाली जनहित याचिका दायर की गई. 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की पीठ ने बड़ी बात कह दी. शुरू में ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कह दिया कि वह इस मामले को भारत के चुनाव आयोग के समक्ष ले जाएं. इसके बाद वकील ने जो कहा, कोर्ट ने उसे अनसुना कर दिया.
आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर हेराफेरी के संबंध में राहुल गांधी के आरोपों के लिए एसआईटी से जांच कराने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि भारत के चुनाव आयोग के समक्ष पहले ही इसे प्रस्तुत किया जा चुका है, लेकिन आयोग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
समय सीमा तय करने पर भी निर्देश नहीं
वकील की बात सुनने के बाद भी पीठ ने मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए मामले का निपटारा कर दिया कि याचिकाकर्ता इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष ले जा सकते हैं. हालाकि वकील चुनाव आयोग के निर्णय के लिए एक समय सीमा तय करने की मांग कर रहे थे पर पीठ ने ऐसा कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया.
रोहित पांडे ने लगाई थी याचिका
पीठ ने आदेश में कहा, 'हमने याचिकाकर्ता के वकील को सुना है. हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं जो कथित तौर पर जनहित में दायर की गई है. अगर सलाह दी जाए तो याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं.' याचिका रोहित पांडे ने लगाई थी. उन्होंने यह निर्देश देने की मांग की थी कि न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन होने और मतदाता सूचियों का स्वतंत्र ऑडिट पूरा होने तक मतदाता सूचियों में कोई और संशोधन या अंतिम रूप देने का कार्य न किया जाए.
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याचिका में राहुल गांधी की 7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला दिया गया था. राहुल ने तब बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी का मुद्दा उठाया था. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उन्होंने विपक्ष के नेता द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि की है और प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य पाए हैं जो यह साबित करते हैं कि ये आरोप वैध मतों के मूल्य को कमजोर और विकृत करने के सोचे समझे प्रयास को उजागर करते हैं इसलिए व्यापक जनहित में माननीय न्यायालय की तरफ से तत्काल हस्तक्षेप आवश्यक है.
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