तिहाड़ जेल में बंद मिशेल ने अपने वकील के माध्यम से विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने अर्जी दाखिल की.
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नई दिल्ली: अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर मामले में गिरफ्तार किए गए कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल ने गुरुवार को दिल्ली की अदालत का रुख करते हुए विदेश में अपने परिवार के सदस्यों और वकीलों को फोन करने की इजाजत मांगी है.
यहां तिहाड़ जेल में बंद मिशेल ने अपने वकील के माध्यम से विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने अर्जी दाखिल की. न्यायाधीश कुमार ने जेल प्रशासन को मिशेल की अर्जी पर सोमवार तक जवाब देने का निर्देश दिया. आरोपी ने अदालत को बताया कि जेल प्रशासन ने उसका अनुरोध ठुकरा दिया. बता दें मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया है. उसे 22 दिसंबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
अदालत ने पहले मिशेल पर ईडी की हिरासत में अपने वकीलों से मिलने पर पाबंदी लगा दी थी क्योंकि जांच एजेंसी ने कहा था कि वह कानूनी सहायता का दुरुपयोग कर रहा है और अपने वकीलों को चिट पहुंचाकर पूछ रहा है कि 'श्रीमती गांधी' पर पूछे गए सवालों से कैसे निपटा जाए.
ईडी के वकीलों -- डी पी सिंह और एन के मट्टा ने यह भी दावा किया था कि पूछताछ के दौरान उसने 'इतालवी महिला के बेटे' के बारे में कहा था और यह भी बताया था कि कैसे वह देश का अगला प्रधानमंत्री बनने जा रहा है. ईडी ने अदालत से कहा था,'हमें मिशेल और अन्य लोगों के बीच संवाद में 'आर' के तौर उल्लेखित 'बड़े व्यक्ति' का पता लगाने की जरुरत है.' बाद में मिशेल को पांच जनवरी को इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वह इस घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में भी न्यायिक हिरासत में है.
मिशेल उन तीन कथित बिचौलियों में एक है जिनकी ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच कर रही हैं. अन्य दो गुइडो हशके और कार्लो गेरोसा हैं. ईडी ने जून, 2016 में मिशेल के खिलाफ दर्ज आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि उसे अगस्तावेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (225 करोड़ रुपये) मिले थे.
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि इस सौदे से सरकारी खजाने को 2666 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचने का अनुमान है. 55.626 करोड़ यूरो के वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी, 2010 को यह सौदा हुआ था.