बीजेपी सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि वीवीआईपी चॉपर घोटाले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को जल्द ही जेल जाना होगा। राज्यसभा सांसद स्वामी ने कहा कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल को यह कहने की जरूरत नहीं है कि 3600 करोड़ रुपये के ऑगस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में दोषी पाए जाने पर वह राजनीति छोड़ देंगे।
Trending Photos
नई दिल्ली : बीजेपी सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि वीवीआईपी चॉपर घोटाले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को जल्द ही जेल जाना होगा।
ज़ी मीडिया के साथ खास बातचीत में नवनियुक्त राज्यसभा सांसद स्वामी ने कहा कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल को यह कहने की जरूरत नहीं है कि 3600 करोड़ रुपये के ऑगस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में दोषी पाए जाने पर वह राजनीति छोड़ देंगे। जब वह (अहमद पटेल) दोषी ठहराए जाएंगे तो वह जेल में होंगे और वह उनके राजनीतिक संन्यास का समय होगा।
इस कथित घोटाले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाए जाने की विपक्ष की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि क्यों नहीं कांग्रेस नीत वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने जांच की शुरुआत की। राज्यसभा में इस मामले पर कल दिए गए बयान पर स्वामी ने कहा कि यह रणनीति का हिस्सा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम अंत में लिया जाए ताकि विपक्ष सदन में हंगामा न खड़ा करे।
किरीट सोमैया के बयान का समर्थन करते हुए स्वामी ने कहा कि बीजेपी नेता ने कभी भी तथ्यों के बिना आरोप नहीं लगाया। बता दें कि मंगलवार को सोमैया ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष के सहयोगी कनिष्क सिंह ऑगस्टा वेस्टलैंड और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में शामिल थे। बीजेपी सांसद ने कनिष्क सिंह पर आरोप लगाया था कि उनके एक रियल स्टेट कंपनी एम्मार एमजीएफ लैंड लिमिटेड में शेयर हैं। इसमें ऑगस्टा वेस्टलैंड केस में एक आरोपी गुइडो राल्फ हैश्के बतौर डायरेक्टर हैं।
गौर हो कि भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा था कि एक कथित बिचौलिए द्वारा लिखे गए पत्र में जिन लोगों के नाम लिए गए हैं, सीबीआई को उनसे पूछताछ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए। इटली की अदालत के दस्तोवजों का हवाला देते हुए स्वामी ने आरोप लगाया कि तीन करोड़ यूरो की रिश्वत दी गई, जिनमें 60 लाख यूरो भारतीय वायुसेना के कर्मियों को दिए गए, 84 करोड़ यूरो नौकरशाहों को और 125 करोड़ रुपये ‘एपी’ को दिए गए।
स्वामी ने आरोप लगाया कि पहले आठ हेलीकाप्टर खरीदने का ही प्रस्ताव था लेकिन जब यह साफ हो गया कि अगस्ता अर्हता पूरी करने वाली एकमात्र कंपनी है, तो तत्कालीन सरकार ने चार और हेलीकाप्टर खरीदने का फैसला कर लिया। भाजपा नेता ने कहा कि जनवरी 2006 में वायुसेना ने इस सौदे के लिए 793 करोड़ रुपये का मानक अनुमान व्यक्त किया था और इसे एंटनी ने भी मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि सितंबर 2008 में सौदा वार्ताकार समिति ने मनमाने तरीके से इसे 4,877.5 करोड़ रूपए तय किया जो छह गुना अधिक था।