Waqf Amendment Bill: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया.
Trending Photos
Waqf Amendment Bill: लोकसभा में अगले हफ्ते वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश होने वाला है. ऐसे में केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच इसको लेकर टकराव होने की संभावना है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को भाजपा की अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ रणनीति का हिस्सा बताया है.
भाजपा पर साधा निशाना
जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा कि यह विधेयक भारत के बहुधार्मिक समाज में सद्भाव को नुकसान पहुंचाने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस विधेयक के जरिए समाज को बांटकर चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद अल्पसंख्यक समुदाय की परंपराओं और संस्थाओं को बदनाम करना भी है, ताकि चुनावी लाभ के लिए समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में रखा जा सके. कांग्रेस नेता ने विधेयक को गंभीर रूप से दोषपूर्ण बताते हुए 5 बड़ी खामियां गिनाईं.
अल्पसंख्यकों के अधिकार से वंचित
कांग्रेस नेता ने पहली खामी में बताया कि वक्फ प्रबंधन के संस्थानों जैसे राष्ट्रीय परिषद, राज्य बोर्ड और ट्रिब्यूनल के अधिकारों को कम किया जा रहा है, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को उनकी धार्मिक परंपराओं और धार्मिक संस्थाओं के प्रशासनिक अधिकार से वंचित किया जा सके.
क्फ की परिभाषा में लाई गई अस्पष्टता
दूसरी खामी उन्होंने बताई की वक्फ की परिभाषा में जानबूझकर अस्पष्टता लाई गई है. अपनी भूमि को कौन वक्फ उद्देश्यों के लिए दान कर सकता है, यह स्पष्ट नहीं है. वहीं तीसरे में देश की न्यायपालिका द्वारा लंबे समय से निर्बाध चली आ रही परंपरा के आधार पर विकसित किए गए वक्फ बाई यूजर की अवधारणा को समाप्त किया जा रहा है. चौथा खामियाजा यह बताया कि वक्फ प्रशासन को कमजोर करने और अतिक्रमण को बढ़ावा देने के प्रावधान जोड़े गए हैं. साथ ही, वक्फ की जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों को बचाने के लिए अब कानून में और अधिक सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- जबरदस्ती स्टोर रूम में घुसने के कोई सबूत नहीं, जज कैश केस की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
किसी भी रद्द हो सकती है वक्फ मान्यता
जयराम रमेश ने पांचवा खामियाजा बताते हुए कहा कि कलेक्टर और राज्य सरकार के अधिकारियों को वक्फ संपत्तियों पर एकतरफा निर्णय लेने की व्यापक शक्तियां दी गई हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों के पास अब किसी की शिकायत पर या वक्फ संपत्ति के सरकारी संपत्ति होने के आरोप मात्र पर अंतिम निर्णय होने तक किसी भी वक्फ की मान्यता रद्द करने का अधिकार होगा.
जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में 428 पन्नों की रिपोर्ट को बिना विस्तृत चर्चा के जबरन पारित करवाया गया, जो संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन है. उन्होंने कहा,' यह विधेयक मूल रूप से भारत के संविधान पर हमला है.' ( इनपुट- आईएएनएस)