ईवीएम पर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली का एक बड़ा बयान आया है. अपने बयान में उन्होंने कांग्रेस के रुख को ही कटघरे में ला खड़ा किया है और कहा है कि ईवीएम पर सवाल उठाना ठीक नहीं है, यह हार के बहाने ढूंढना जैसा है.
Trending Photos
नई दिल्ली: ईवीएम पर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली का एक बड़ा बयान आया है. अपने बयान में उन्होंने कांग्रेस के रुख को ही कटघरे में ला खड़ा किया है और कहा है कि ईवीएम पर सवाल उठाना ठीक नहीं है, यह हार के बहाने ढूंढना जैसा है.
ईवीएम का विरोध गलत: वीरप्पा मोइली
कांग्रेस नेता मोइली ने कांग्रेस के ईवीएम को लेकर किये जा रहे विरोध को बेकार बताया है, मोइली ने कहा है कि ईवीएम का विरोध विपक्ष की निराशावादी की मानसिकता को दर्शाता है. कांग्रेस पार्टी भी अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ ईवीएम का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही है.
हार का बहाना ढूंढ रही है पार्टी: वीरप्पा मोइली
मोइली ने कहा कि यह सभी सिर्फ क्षेत्रीय दलों की लोकलुभावन कोशिश है, हमारी पार्टी भी इसमें साथ जुड़कर हार के बहाने तलाश रही है. उन्होंने कहा कि जब मैं कानून मंत्री था, उस समय ईवीएम चलन में आये थे. उस समय भी इसे लेकर शिकायत आई थी, हमने तब उसे सुलझा लिया था. अब जब ईवीएम के मुद्दे पर विरोध का माहौल है तो उसके साथ जुड़ जाना गलत है. मोइली ने कहा कि कांग्रेस को याचिका दायर करने में शामिल नहीं होना चाहिए था. हमसे इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई. सिर्फ मुद्दा गर्म है इस कारण ईवीएम का विरोध करना कांग्रेस की बड़ी भूल है.
संसद में विपक्ष ईवीएम के खिलाफ
गौरतलब है कि 16 राजनैतिक दलों ने कल चुनाव आयोग से मतपत्र से चुनाव कराने की व्यवस्था को फिर से शुरू करने का आग्रह किया. विभिन्न विपक्षी दलों के नेता पहले भी ईसी से मुलाकात करके यह मांग कर चुके हैं कि ईवीएम को हटाया जाए और मतपत्र को लागू किया जाए. पार्टियों ने विभिन्न वैकल्पिक कदमों का सुझाव दिया है.
16 विपक्षी दलों की बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग
इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के प्रति जनता के लगातार घटते विश्वास का हवाला देते हुये 16 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मतपत्र से ही मतदान कराने का अनुरोध किया है. आयोग जल्द ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक आयोजित कर विस्तार से चर्चा करेगा. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, बसपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के नेताओं ने आज चुनाव आयोग से फिर से मतपत्रों से मतदान की व्यवस्था को लागू करने की मांग की है.
कई दलों ने किया है विरोध
विधान सभा चुनावों में हारने वाले दलों जिनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य दल शामिल हैं, उन्होंने अब फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. उनका दावा है कि मशीन तैयार करते वक्त जब प्रोग्रामिंग की जाती है, उसी वक्त डाटा में गड़बड़ी की जा सकती है. यानी फीड में ही खेल किया जाता है, तभी आगे भी मशीन गड़बड़ नतीजे दे सकती है.
चुनाव आयोग ने खारिज किए सभी आरोप
इन आरोपों पर चुनाव आयोग का कहना है कि प्रोग्रामिंग में गड़बड़ी मुमकिन नहीं है. ऐसा हो ही नहीं सकता कि पोलिंग एजेंट को चेक कराते वक्त मशीन दूसरा नतीजा दे और वोटिंग के समय दूसरा नतीजा दे. चुनाव आयोग ने चुनौती दी है कि ऐसे आरोप लगाने वाले अपनी बात साबित करें.