हमें समर्थन जुटाने के लिए कम समय मिला, राष्ट्रपति शासन से घबराने की जरूरत नहीं: उद्धव ठाकरे
Advertisement

हमें समर्थन जुटाने के लिए कम समय मिला, राष्ट्रपति शासन से घबराने की जरूरत नहीं: उद्धव ठाकरे

 शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने के लिए काफी कम वक्त मिला है. समर्थन जुटाने के लिए महज 24 घंटे का वक्त बेहद कम है. जबकि राज्यपाल ने बीजेपी को समर्थन जुटाने के लिए ज्यादा वक्त दिया गया. 

उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस की.

मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने के लिए काफी कम वक्त मिला है. समर्थन जुटाने के लिए महज 24 घंटे का वक्त बेहद कम है. जबकि राज्यपाल ने बीजेपी को समर्थन जुटाने के लिए ज्यादा वक्त दिया गया. उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत की, लेकिन इतनी जल्दी में न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बातचीत नहीं हो पाई. उद्धव ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने से घबराने की जरूरत नहीं है. शिवसेना सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत जारी है.

मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाने के लिए काफी कम वक्त मिला है. समर्थन जुटाने के लिए महज 24 घंटे का वक्त बेहद कम है. जबकि राज्यपाल ने बीजेपी को समर्थन जुटाने के लिए ज्यादा वक्त दिया गया. उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत की, लेकिन इतनी जल्दी में न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बातचीत नहीं हो पाई. उद्धव ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने से घबराने की जरूरत नहीं है. शिवसेना सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत जारी है.

लाइव टीवी देखें-:

प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले संभावना थी कि बीजेपी 200-220 सीटें आएंगी. ऐसे समय में बीजेपी के लोग हमसे मिलने आए थे. हमने अंधेरे में तीर चलाते हुए उनका साथ दिया था. अब जब उनकी स्थिति मजबूत हो गई है तो वे अपने वादे मुकर रहे हैं. उद्धव से जब हिंदुत्व के मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये तो बीजेपी को बताना चाहिए की उन्होंने महबूबा मुफ्ती, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं के साथ मिलकर कैसे सरकार चलाई थी.

उद्धव ने कहा कि हम सरकार बनाने की कोशिश में हैं. जब विपरीत विचारधारा के दल आपस में मिलते हैं तो उसमें समय लगता है. इसलिए हमें भी कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत करने में वक्त लग रहा है. हमारे पास छह महीने का वक्त है. राष्ट्रपति शासन से घबराने की जरूरत नहीं है. प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव के साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे.

एनसीपी-कांग्रेस की मीटिंग बेनतीजा
उधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बातचीत के बाद हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने पहली बार 11 नवंबर को एनसीपी और कांग्रेस से आधिकारिक रूप से संपर्क किया. इतनी जल्दबाजी में आम सहमति बनाना संभव नहीं था. सरकार गठन से पहले सभी दलों के बीच आम सहमति बनना जरूरी है.

वहीं संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि शिवसेना को समर्थन देने पर अभी फैसला नहीं लिया गया है. शिवसेना की तरफ से 11 नवंबर को सोनिया गांधी के पास समर्थन मांगने के लिए फोन आया था. इसपर उन्हें कहा गया था कि एनसीपी से बातचीत के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा. अहमद पटेल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को गलत बताया है. 

पटेल ने कहा कि पिछले कुछ साल से लगातार सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस की अवहेलना हो रही है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने बारी-बारी से बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन कांग्रेस को पूछा नहीं गया, यह सरासर गलत है. राज्यपाल ने संविधान का मजाक उड़ाया है.

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट किया कि फिलहाल बातचीत का दौर जारी रहेगा, अभी किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता है. शिवसेना के साथ एक बार फिर से बातचीत की जाएगी जिसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार यूं नहीं बनती हैं, इससे पहले तीनों दलों के बीच सारी बातें साफ होनी जरूरी है.

Trending news