राजस्थान: किसानों की कर्ज माफी पर बोली BJP, समस्याओं का समाधान हमारे पास
Advertisement

राजस्थान: किसानों की कर्ज माफी पर बोली BJP, समस्याओं का समाधान हमारे पास

राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष ने किसानों के फसल कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान उनके पास है, लेकिन कांग्रेस की तकलीफ का नहीं है.

 सरकार ने कर्ज माफी के मॉडल  पर कांग्रेस के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा और किसान नेता अमराराम से सुझाव मांगे थे.(फाइल फोटो)

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष ने किसानों के फसल कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान उनके पास है, लेकिन कांग्रेस की तकलीफ का नहीं है. उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने संवादाताओं से कहा कि भाजपा सरकार पांच वर्षो के कार्यकाल के अंत तक प्रदेश के किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज, कर्ज माफी, अनुदान के रूप में 1.35 लाख करोड़ रूपये की सहायता दे देगी. उन्होंने कहा कि पिछले साढे़ चार वर्षो में सरकार ने संसाधनों को किसानों के कल्याण के लिये लगाया है. उन्होंने कहा कि पांच वर्षो में 1.35 लाख करोड़ से ज्यादा संसाधनों को किसानों के कल्याण के लिये लगा दिया जायेगा.

बजट में 8 हजार करोड़ रूपये की कर्जमाफी की घोषणा इसका हिस्सा है. उन्होंने कहा कि हम पांच वर्ष के कार्यकाल के अंत तक 80 हजार करोड़ रूपये ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करायेंगे, जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस ने पूरे पांच वर्षो में 25 हजार करोड़ के कर्ज उपलब्ध कराये. भाजपा सरकार हर वर्ष किसानों की भलाई के लिये काम कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का निवारण तो हमारे पास है, लेकिन कांग्रेस की तकलीफों का नहीं.

यह भी पढ़ें- CM की कुर्सी छीनने की अटकलों के बीच वसुंधरा की चाल, किसानों का कर्ज माफ तो युवाओं को 1.8 लाख वैकेंसी का तोहफा

उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्ज माफी के मॉडल  पर कांग्रेस के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा और किसान नेता अमराराम से सुझाव मांगे थे, लेकिन उन्होंने अपने सुझाव नहीं दिये.शेखावत ने कहा कि किसानों के सहकारी बैंकों के अलावा अन्य बैंको से लिये गये कर्ज के मामलों पर समाधान के लिये एक स्थायी आयोग का गठन किया गया है.

वही दूसरी तरफ राजस्थान विधानसभा में किसानों के फसल कर्जमाफी मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. कांग्रेस विधायक नंद किशोर महरिया ने किसान के फसली कर्ज माफी, और किसानों के उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रश्न उठाया. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बजट 2018-19 में सहकारी बैंकों द्वारा दिये गये लघु एवं सीमांत किसानों के 50 हजार के रिण को एक मुश्त माफ करने, कृषि भूमि पर लगने भू राजस्व को माफ करने की घोषणा की थी. राजे ने किसानों के लिये रिण सहायता आयोग के गठन की घोषणा की थी, जो स्थाई संस्था के रूप में कार्य करेगा.

प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न में महरिया ने सरकार द्वारा गठित आयोग की बैठक के ब्यौरे की मांग की. उन्होंने कहा कि 8 हजार करोड़ रूपये में से 3 हजार करोड़ रूपये ब्याज, जुर्माना आदि के है और 5 हजार करोड़ किसानों के फसल कर्ज माफी के लिये. सरकार ने किसानों की कर्ज माफी को सहकारी बैंकों और लघु एवं सीमांत किसानों तक ही सीमित कर दिया है. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफी की इच्छा रखती है. सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास में पहला अवसर है जब सरकार ने किसानों के फसली कर्ज को माफ किया है और कांग्रेस ने इस तरह के कदम कभी नहीं उठाये.

पचास हजार रूपये एक मुश्त किसानों के फसली कर्ज माफी से 20 लाख किसानों को फायदा होगा. किलक ने कहा कि सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिये स्थाई आयोग गठित किया है. इससे गैर सहकारी बैंकों के साथ साथ अन्य बैंकों द्वारा लिये गये रिणों के मामलों को भी आयोग द्वारा देखा जायेगा. किलक ने केवल भाजपा कार्यकाल के दौरान ही किसानों के रिण माफी की बात कही तो विपक्ष के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि संप्रग सरकार ने 72 हजार करोड के रिण माफी की घोषणा की थी.  

Trending news