हिंद महासागर क्षेत्र में जलीय सर्वेक्षण करते रहेंगे : नौसेना प्रमुख
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हिंद महासागर क्षेत्र में जलीय सर्वेक्षण करते रहेंगे : नौसेना प्रमुख

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में कई द्वीपीय देशों का जलीय सर्वेक्षण किया है और करती रहेगी. 

नौसेना प्रमुख ने कहा कि करंज के आने से पानी में भारत की ताकत बढ़ी है

मुंबई : नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में कई द्वीपीय देशों का जलीय सर्वेक्षण किया है और करती रहेगी. उनके बयान एसोम्पशन द्वीप पर बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत और सेशेल्स के बीच एक संशोधित समझौते की पृष्ठभूमि में आए हैं. एडमिरल लांबा ने स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी अत्याधुनिक पनडुब्बी करंज के यहां जलावतरण के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने हिंद महासागर क्षेत्र में कई द्वीपीय देशों के लिए जलीय सर्वेक्षण किये हैं और हम ऐसा करते रहेंगे.’’

  1. स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'करंज' को पानी में उतरा गया
  2. 'करंज' पनडुब्बी 'मेक इन इंडिया' की पहचान है
  3. स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'करंज' आधुनिक फीचर्स से लैस

दो देशों का समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 में सेशेल्स यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एसोम्पशन द्वीप पर बुनियादी संरचना के विकास के लिए एक समझौता किया था. एडमिरल लांबा ने कहा कि हम एसोम्पशन द्वीप का अधिग्रहण नहीं करने जा रहे लेकिन भारत सरकार वहां कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराएगी.

समंदर में उतरा 'करंज
समंदर से नजरें गड़ाए रहने वाले दुश्मनों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना ने आज स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी 'करंज' को पानी में उतरा है. समंदर में दुश्मनों का खात्मा करने में सक्षम इस पनडुब्बी का वजन 1565 टन, लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर है. कई चरणों की समुद्री परीक्षण के बाद इसे भारतीय नौसेना बेड़े में शामिल किया गया है. नेवी के मुताबिक यह पनडुब्बी 'मेक इन इंडिया' की पहचान है, क्योंकि यह स्वदेशी समरीन है.

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स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'करंज' की खूबी
स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'करंज' आधुनिक फीचर्स से लैस है. यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है. इसके साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है. इससे पानी के अंदर भी हमला किया जा सकता है. साथ ही सतह पर पानी के अंदर से दुश्‍मन पर हमला करने की खासियत भी इसमें है. इस पनडुब्‍बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में ऑपरेट किया जा सकता है. यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है.

एक महीने पहले INS कलवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में पिछले साल 14 दिसंबर को भारतीय नौसेना को देश की स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस कलवरी समर्पित की थी. प्रधानमंत्री ने इसे भारत की रक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण नया युग कहा था. इस नई फॉक्सटॉट श्रेणी की पनडुब्बी का नाम- 'आईएनएस कलवरी' रखा गया है. आईएनएस आठ दिसंबर, 1967 को नौसेना में शामिल हुई थी. नौसेना की पनडुब्बी शाखा की स्वर्ण जयंती के कुछ समय बाद ही यह नई पनडुब्बी बेड़े में शामिल हुई है.

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