Explained: मई में 20 दिन गुजर गए, लेकिन इस बार क्यों नहीं पड़ी पिछले साल जितनी गर्मी? आखिर मौसम की इस मेहरबानी की क्या है वजह
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Explained: मई में 20 दिन गुजर गए, लेकिन इस बार क्यों नहीं पड़ी पिछले साल जितनी गर्मी? आखिर मौसम की इस मेहरबानी की क्या है वजह

IMD Summer Weather Report: 2025 में अब तक गर्मी असामान्य रही हैं. मई के महीने में इस बार लू वाली स्थिति कम ही रही है और देश के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश ने राहत दी है.

Explained: मई में 20 दिन गुजर गए, लेकिन इस बार क्यों नहीं पड़ी पिछले साल जितनी गर्मी? आखिर मौसम की इस मेहरबानी की क्या है वजह

India Weather Trends May 2025: मई महीने में 20 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी भी उस तरह की गर्मी नहीं पड़ी है जैसी पिछले सालों में पड़ती थी. इस बार गर्मियां अब तक असामान्य रही हैं. मई के महीने में आमतौर पर दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस (IMD Summer Weather Report) तक पहुंच जाता है और लू के थपेड़े परेशान करते है. लेकिन, इस बार लू के दिन काफी हद तक नजर नहीं आए हैं और देश के अधिकांश हिस्सों में इस बार उस तरह की गर्मी नहीं पड़ी है. दिल्ली-एनसीआर समेत ज्यादातर राज्यों में लगातार बारिश और तेज हवाओं की वजह से लोगों को गर्मी का अहसास कम हुआ है.

प्री-मॉनसून स्थिति और तापमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि इस साल मार्च की शुरुआत से लेकर 18 मई तक देश के किसी भी हिस्से से रिकॉर्ड तोड़ने वाला तापमान दर्ज नहीं किया गया है. मध्य भारत में मार्च के महीने में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा, लेकिन देश के बाकी हिस्सों में सामान्य तापमान रहा. अप्रैल में महाराष्ट्र, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में एक या दो बार गर्म हवाएं चलीं, जबकि गुजरात और राजस्थान में कुछ दिनों तक लंबे समय तक गर्म हवाएं चलीं और सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, देश का कोर हीटवेव जोन (CHZ) हर साल मार्च से जून और कभी-कभी जुलाई में हीटवेव की स्थिति से ग्रस्त रहता है, जो गुजरात और पश्चिम बंगाल के बीच मध्य, उत्तर और प्रायद्वीपीय भारत में फैला हुआ है. इस साल अभी तक एक दिन भी हीटवेव की सीरियस कंडीशन में नहीं पहुंचा है. देश के बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में सामान्य गर्मी से कम तापमान और ठंडे मौसम ने औसत तापमान को सामान्य सीमा के भीतर रखने में योगदान दिया है. कुल मिलाकर, प्री-मॉनसून सीजन में रुक-रुककर बारिश का फायदा मिला है.

आखिर मौसम की इस मेहरबानी की क्या है वजह?

अभी तक सामान्य से ज्यादा बारिश और तापमान में कम का मुख्य कारण निचले अक्षांशों में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) की धाराओं का बार-बार आना रहा है. पश्चिमी विक्षोभ पूर्व की ओर जाने वाली ऐसी हवाएं हैं, जो भूमध्य सागर से निकलती हैं और अपने रास्ते में बारिश या हिमपात का कारण बनती हैं. मार्च और अप्रैल में ऐसे चार प्रकरण हुए और मई में अब तक दो प्रकरण हुए हैं, जो पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हुआ.

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से देश के ज्यादातर राज्यों में नमी का लगातार प्रवेश हो रहा है, जिसके कारण तेज हवा के साथ-साथ बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ रहे हैं. आंधी-तूफान की घटना के बाद अधिकतम तापमान में आम तौर पर 5-7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आती है. इस ट्रेंड्स की वजह से इस बार सामान्य से कम गर्म पड़ी है.

आईएमडी ने कहा है कि मई के महीने में आमतौर पर सामान्य से अधिक तापमान देखने को मिलता है. उत्तर, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में लू की स्थिति रहती है. हालांकि, अभी तक मई महीने के 20 दिनों में केवल एक दिन 1 मई को लू की स्थिति बनी है. यह दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों तक ही सीमित रही है. वास्तव में, इस साल मई में दक्षिण और मध्य भारतीय क्षेत्रों में असाधारण रूप से बारिश हुई है.

2 मई से 7 मई के बीच लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण राजस्थान, मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र-कच्छ, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, केरल, माहे, तमिलनाडु और पुडुचेरी में तेज आंधी के साथ बारिश हुई. पिछले तीन हफ्तों में उत्तर-पश्चिम भारत में आंधी-तूफान आए हैं, जिसके कारण सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है और अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम रहा है.

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