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कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होना है. इस बीच बंगाल बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के बयान से अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी उन्हें ही राज्य का मुख्यमंत्री बनाएगी. बता दें कि बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के लिए अभी तक मुख्यमंत्री ने नाम की घोषणा नहीं की है.
अगर बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनती है तो राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस पर दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने कहा, 'यह फैसला पार्टी करेगी, लेकिन यह जरूरी नहीं कि किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जाए... जब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) मुख्यमंत्री बनी थीं, तब वह विधायक नहीं थीं.'
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दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के बयान के बाद यह अटकलें तेज होने लगी है कि बंगाल में अगर बीजेपी जीतती है तो घोष ही अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं. दरअसल, दिलीप घोष ही एकमात्र ऐसा जाना-पहचाना चेहरा हैं, जो बंगाल से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और मेदिनीपुर से लोक सभा सांसद हैं. जबकि बीजेपी ने बंगाल विधान सभा चुनावों में अपने चार लोक सभा और राज्य सभा सांसदों को टिकट दिया है. इनमें केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राज्य सभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए राज्य सभा से इस्तीफा दिया था.
बता दें कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने साल 2011 में जब वाम मोर्चा सरकार को बंगाल की सत्ता से उखाड़ फेंका था, तब वह लोकसभा सांसद थीं. चुनाव के बाद वह भवानीपुर विधान सभा सीट से चुनाव लड़ीं, जहां उपचुनाव होना था.
दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने कहा, 'पहले चरण के मतदान के बाद सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है. वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) और उसके नेता परेशान हैं. जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, बीजेपी के पहले चरण में तय किए गए रुझान में तेजी आएगी और हर चरण के साथ टीएमसी कार्यकर्ता खुद अपनी हार का एहसास करेंगे.'