जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) को जब तक विशेष राज्य का दर्जा रहा तब तक यहां जितनी भी सरकारें बनी उन्होंने यहां के सेब (Apple) किसानों को भी काफी नुकसान पहुंचाया. इस बात की प्रमाणिकता कश्मीर के सेब (Apple) किसान से बातचीत करने पर मिलती है.
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) को जब तक विशेष राज्य का दर्जा रहा तब तक यहां जितनी भी सरकारें बनी उन्होंने यहां के सेब (Apple) किसानों को भी काफी नुकसान पहुंचाया. इस बात की प्रमाणिकता कश्मीर के सेब (Apple) किसान से बातचीत करने पर मिलती है. सेब (Apple) किसानों ने बातचीत में बताया कि कई बार डिमांड करने के बाद भी सरकारों ने उनपर ध्यान नहीं दिया. अब उन्हें उम्मीद है कि राज्य में पूर्ण रूप से भारत सरकार के काम करने से उनकी सारी दिक्कतें दूर होंगी. हालांकि सेब (Apple) किसानों ने यह भी बताया कि मौजूदा वक्त में पूरे राज्य की फोन और मोबाइल सेवाएं बंद किए जाने के चलते उन्हें थोड़ी बहुत दिक्कत हो रही है.
रामनगरी गांव के सरपंच अहमद ने बताया कि मेहनत की कमाई में बचत नहीं हो पाती है. फिलहाल ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत हो रही है. मोबाइल बंद होने से दिक्कत हो रही है. सेब (Apple) की खेती पर पूरा परिवार निर्भर है. अहमद ने कहा कि फोन खुलने चाहिए. माल तैयार है, लेकिन खरीदार आ नहीं रहे हैं. एक सीजन में 2-4 लाख की कमाई हो जाती है. गरीब आदमी का परिवार तो इसी कमाई पर पलता है.
लोग धमकी देते हैं कि सेब (Apple) मत उतारों. अगर नहीं उतारेंगे तो खराब हो जाएंगे. सरकार से अपील है कि फोन खुलने चाहिए. बेरोजगारी है, माहौल ठीक होना चाहिए. हर स्टेट से लोग आने चाहिए.
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शोपियां के सेब (Apple) किसान सैय्यद ने बताया कि उम्मीद है कि राज्य में उनकी भी हालत में सुधार होगा. ड्रिप इरिगेशन की मदद से सेब (Apple) की खेती की जाती है. पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल कम से कम करते हैं. ये पेड़ इटली से आते हैं. सरकार अगर पर्याप्त सब्सिडी दे तो यह भारत में बड़ी इंडस्ट्री बन सकती है. सारे गल्फ देशों में कश्मीरी सेब (Apple) की भारी डिमांड होती है.
शोपियां में नई सेब (Apple) मंडी बनाई गई है, जो 30 सितंबर से शुरू होगी. शोपियां के डीसी यासीन चौधरी ने बताया कि मेगा फ्रूट मंडी बनी है. 31 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट हैं. 50 हजार के आसपास ऑर्चिड जुड़े हैं. नाबार्ड ने भी मदद की है. 10 करोड़ पीएमडीपी के तहत है. हर साल साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन के आसपास प्रोडक्शन होता है. इस जिले में हर सीजन में सेब (Apple) के करीब 1.42 करोड़ बॉक्स बनते हैं. 25 हजार ट्रक की मदद से ट्रांसपोर्ट किया जाता है.
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) में धारा 370 खत्म किए जाने के बाद भारत सरकार नए सिरे से यहां विकास शुरू करने की कोशिश में है. पूरी उम्मीद है कि इससे सेब (Apple) किसानों और कारोबारियों की हालत में भी सुधार होंगे.