India Taliban News in Hindi: भारत की राजधानी दिल्ली में बने अफगानिस्तान में कौन सा झंडा फहरेगा, इस सवाल पर तालिबान विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी की टीम और एंबेसी कर्मचारी शुक्रवार को आपस में भिड़ गए.
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Amir Khan Muttaqi India Visit News: आखिर वही हुआ, जिसकी आशंका थी. दिल्ली में बने अफगानिस्तान के दूतावास पर कौन सा झंडा लगेगा, इसे लेकर दूतावास के कर्मचारियों और तालिबानी नेताओं के बीच जोरदार बहस हो गई. अफगानी दूतावास के कर्मचारियों ने तालिबान विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तालिबानी सफेद झंडा नहीं लगने दिया. इसके बाद मुत्ताकी की टीम ने मेज पर छोटा सफेद झंडा रखकर मीडिया से बात की.
दूतावास में तालिबानी झंडा लगाने की मांग
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद आमिर मुत्ताकी दिल्ली के चाणक्य पुरी इलाके में बने अफगानिस्तान के दूतावास में पहुंचे. उस दूतावास के ऊपर अभी भी अफगानिस्तान का पारंपरिक झंडा लहरा रहा है. मुत्ताकी की टीम ने इस झंडे पर आपत्ति जताते हुए तालिबान का सफेद झंडा लगाने की मांग की, जिस पर कलमा लिखा हुआ है.
कर्मचारियों ने नहीं मानी तालिबान की मांग
इसके साथ ही मीडिया से वार्ता के लिए मुत्ताकी की टेबल के पीछे तालिबान के बड़े झंडे लगाने की मांग की. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान की पिछली राष्ट्रीय सरकार की ओर से नियुक्त कर्मचारियों ने उनकी मांग मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अभी तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, इसलिए वे दूतावास के अंदर या बाहर तालिबान का झंडा नहीं लगने देंगे.
VIDEO | Delhi: When asked about his visit to Deoband and Pakistan's allegation that Afghanistan exports terrorism, Foreign Minister Amir Khan Muttaqi said, "Deoband is a significant religious place for us. This place and its people have a long history with Afghanistan. The way… pic.twitter.com/JbKX8TCg6A
— Press Trust of India (@PTI_News) October 10, 2025
मुत्ताकी की टीम से बहस के दौरान दूतावास के कर्मियों ने उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम में तालिबान के झंडे नहीं लगने दिए. इसके बाद तालिबान के नेताओं ने मुत्ताकी की टेबल पर छोटा सा तालिबानी झंडा लगाकर मीडिया से वार्ता की.
बताते चलें कि तालिबान ने 2021 में अशरफ घनी सरकार का तख्तापलट कर अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथों में ले ली थी. उसके बाद से अफगानिस्तान पर उसी का राज चल रहा है. हालांकि रूस-चीन को छोड़कर किसी भी मुल्क ने तालिबान सरकार को अभी तक मान्यता नहीं दी है. ऐसे में नियमों के मुताबिक, दिल्ली में बने अफगानी दूतावास पर तालिबान अपना झंडा नहीं फहरा सकता.
कैसा है तालिबान का झंडा?
तालिबान के झंडे की बात की जाए तो वह सफेद कपड़े से बना है. जिस पर काले रंग से इस्लामी आस्था से जुड़ा वाक्य यानी शहादा लिखा है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक इस्लामी कलमा है, जिसके जरिए अल्लाह के प्रति वफादार रहने की कसम खाई जाती है. इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के साथ हुई वार्ता में तालिबानी झंडे से जुड़े असमंजस को देखते हुए भारत ने अपना और तालिबान किसी का भी झंडा नहीं लगाया था. ऐसा करके भारत ने स्मार्ट और सहज तरीके से इस कूटनीतिक संकट का हल निकाल लिया.