Two Atom Bomb in Sky: परमाणु बम कितने तबाहकारी होते हैं, ये तो सभी को पता है लेकिन अगर दो परमाणु बम हवा में टकरा जाएं तो क्या होगा? चलिए जानते हैं क्या है इस सवाल का जवाब.
Trending Photos
Two Atom Bomb in Sky: दुनियाभर के कई देश इस समय जंग के हालात में हैं. ऐसे में आम इंसानों की दिलचस्पी जंगी हथियारों में काफी नजर आ रही है. लोग एक दूसरे की ताकत और उसके हथियारों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. इसी कड़ी में कई बार परमाणु हथियारों की चर्चा भी तेज हो जाती और कुछ ऐसे सवाल जहन में आने लगते हैं जो हकीकत में ना हों तो ज्यादा बेहतर है. ऐसा ही एक सवाल इन दिनों में काफी चर्चा में है और वो सवाल है कि अगर दो परमाणु बम हवा में टकरा जाएं तो क्या होगा?
वैसे तो इस सवाल का कोई साधा जवाब नहीं है, क्योंकि ऐसा पहले कभी हुआ भी नहीं है लेकिन यह तो तय है कि जो भी होगा वो बहुत विनाशकारी होगा और ना जाने के कितने दिनों तक अपने निशान उस जगह पर छोड़ जाएगा, जहां वो धमाका होगा. तबाही कितनी होगी यह सब कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे बमों का प्रकार, उनकी ताकत, टक्कर की रफ्तार और क्या वे एक्टिव (explode करने के लिए तैयार) हैं या नहीं.
सबसे पहले बात करतें हैं कि अगर बम एक्टिव नहीं है तो क्या होगा. अगर दो एटम बम आसमान में टकरा जाते हैं लेकिन वे एक्टिव नहीं हैं तो मुमकिन है कि वे सिर्फ टकराने से खत्म हो जाएंगे. इससे रेडियोधर्मी सामग्री (जैसे यूरेनियम या प्लूटोनियम) का रिसाव हो सकता है, जो पर्यावरण और लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, हालांकि पूर्ण परमाणु विस्फोट नहीं होगा.
परमाणु बमों को विस्फोट के लिए विशेष परिस्थितियों की आवश्यकता होती है, जैसे कि सटीक समय पर कंप्रेशन और न्यूट्रॉन की प्रतिक्रिया. आसमान में टक्कर होने पर यह संभावना कम है कि दोनों बम एक साथ सही परिस्थितियों में धमाका करेंगे. हालांकि अगर किसी वजह से टक्कर से एक या दोनों बमों का धमाका करने की क्षमता एक्टिव हो जाती है तो बड़ी तबाही तय है. ऊंचाई पर होता है तो हो सकता है कि जमीन पर तबाही कम हो , लेकिन रेडियोधर्मी कण दूर-दूर तक फैल जाएंगी.
एक और बात यह है कि आसमान में परमाणु बमों को टकराना बिल्कुल असमान्य है. क्योंकि आज कल के हथियार बहुत आधुनिक हो चुके हैं और मिसाइलों को दुश्मन के हथियार तबाह करने के लिए डिजाइन किया गया है, न कि दो परमाणु बमों को आपस में टकराने के लिए. साथ ही परमाणु हथियारों को एक्टिव करने के लिए जटिल प्रक्रियाएं होती हैं और सिर्फ टक्कर से विस्फोट की संभावना कम होती है.