what is Jihad Yagya: अभी तक आप सबने जिहाद के नाम पर कई सारे नाम सुने होंगे, जैसे लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद, जूस जिहाद. लेकिन अब यज्ञ जिहाद भी सामने आया है. तो आइए जानते हैं क्या है यज्ञ जिहाद, इसका क्या है मतलब.
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Attack on Bangladesh Hindu: बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले का मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है. कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. हर किसी की चाहत है किसी भी तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा हो. इसी बीच हरिद्वार में एक ऐसी यज्ञ हो रही जो चर्चा में आ गई है. उसका नाम है यज्ञ जिहाद. किसने शुरू किया यज्ञ, क्या है मतलब.
यज्ञ जिहाद
‘‘इस्लामी जिहादियों’’ के विनाश के लिए गुरुवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के भैरव घाट पर मां बगलामुखी का ‘महायज्ञ’ शुरू किया. यज्ञ का आयोजन विवादित डासना पुजारी एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि द्वारा किया जा रहा है जो ‘‘मुसलमानों के खिलाफ घृणा पैदा करने वाले भाषणों’’ के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं. यज्ञ का समापन 21 दिसंबर को होगा.
क्यों हो रहा जिहाद यज्ञ
यति नरसिंहानंद ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत में हिंदुओं की हत्या करने वाले इस्लामी जिहादियों के पूर्ण विनाश के बिना ‘‘मानवता’’ की रक्षा संभव नहीं है. उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों को महायज्ञ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक उदिता त्यागी और जूना अखाड़े के कोठारी श्रीमहंत महाकाल गिरि ने महायज्ञ में भाग लिया. यज्ञ में बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के इस्लामिक जिहादियों के विनाश के लिए देवी मां बगलामुखी से प्रार्थना की गई. विश्व धर्म संसद के लिए हिंदुओं की रक्षा के लिए मंत्र पढ़े. यज्ञ में आहूतियां दी गईं.
नरसिंहानंद ने पढ़े मंत्र
बगलामुखी महायज्ञ में साधु-संतों के बीच महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने मंत्र पढ़े- हे मां, हर प्रकार से हमारी रक्षा करो, हमारे धर्म के शत्रुओं का विनाश करो, हमारे धर्म के शत्रुओं का विनाश करो. बांग्लादेश में हमारे धर्म की रक्षा करो. बांग्लादेश में हमारे सनातनी धर्म के भाई बहनों की रक्षा करो. वहीं साध्वी ऋतंभरा केंद्र सरकार से बांग्लादेश पर दवाब बनाने और यूनाइटेड नेशन पर इस मामले में चुप रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हर उम्र की महिलाओं के साथ रेप और बदतमीजी हो रही है, जो सारे हिंदू समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.