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DNA with Sudhir Chaudhary: अगर आपसे पूछा जाए कि भारत की आबादी इस वक्त कितनी है, तो आपके पास जवाब के तौर पर सिर्फ एक अनुमान होगा. आपमें से कुछ लोग कहेंगे 135 करोड़, तो कुछ लोग 140 करोड़ और कुछ लोग 145 करोड़ तक बता देंगे. ये ठीक वैसा है जैसे आपको यही नहीं पता हो कि आपके घर में कितने लोग रहते हैं. अब सोचिए, जब आपको यही नहीं पता कि घर में कितने लोग हैं तो फिर ये कैसे पता चलेगा कि घर के खर्चे और जरूरतें क्या हैं?
देश भी एक तरह का परिवार है और इस परिवार की जरूरतें जानने के लिए सरकार जनगणना कराती है. अब तक ये काम Manual तरीके से होता रहा है. लेकिन वर्ष 2021 की जनगणना इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगी. यानी अब आपको अपने देश की आबादी जानने के लिए 10 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. जिस तरह से आप कोरोना वैक्सीनेशन के एक-एक आंकड़े को हर सेकंड Covin App पर अपडेट होते देखते हैं, उसी तरह आपको देश की आबादी हर सेकंड अपडेट होते दिखाई देगी. देश में हर सेकंड कितने लोग पैदा हुए, उनमें कितने लड़के हैं और कितनी लड़कियां हैं, ये आप रियल टाइम में देख सकेंगे.
केंद्र सरकार ने जनगणना के पुराने रूप को बदलने का जो फैसला किया है, उसमें अब आपके घर कोई सरकारी कर्मचारी रजिस्टर लेकर नहीं आएगा. बल्कि इसकी जगह अब एक Digital Register बनाया जाएगा. बच्चे का जन्म होते ही उसका नाम इस रजिस्टर में दर्ज हो जाएगा. इसी तरह किसी की मृत्यु होती है तो Death Certificate बनते ही उसका नाम जनगणना रजिस्टर से Delete हो जाएगा. जैसे ही कोई व्यक्ति 18 साल का होगा, उसका नाम अपने आप Voter List में जुड़ जाएगा. इसी तरह किसी की मृत्यु होगी तो उसका नाम इस लिस्ट से हट जाएगा. यानी ये रजिस्टर सरकार को आबादी का Real Time Data देगा. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश की डिजिटल तरीके से होने वाली ये जनगणना 100 प्रतिशत सही और सटीक होगी.
आज के जमाने में कोई भी सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों का लोगों को तब तक पूरा फायदा नहीं पहुंचा सकती जब तक उसके पास Real Time Data ना हो. Data इस युग की सबसे बड़ी ताकत है, जिसके बिना कोई नीति 100 प्रतिशत सफल नहीं हो सकती. कोरोना के समय हमने इस दिक्कत को देखा भी था. कितने लोगों को वैक्सीन देनी है, कितने लोगों को स्वास्थ्य बीमा देना है और कितने लोगों को राशन देना है, ये सब Data से ही संभव है. सरकार के पास ये Data नहीं होता तो ये सारे काम कैसे संभव होते.
भारत में जनगणना हर 10 वर्ष के अंतराल पर होती है. देश में अब तक 15 बार जनगणना हो चुकी है. 8 बार ये अंग्रेजों के समय हुई और 7 बार आजादी से बाद से अबतक हो चुकी है. देश में पहली जनगणना वर्ष 1872 में हुई थी और आखिरी बार जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी. इसके बाद इसे वर्ष 2021 में होना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से नहीं हो पाई.
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#DNA : ई-जनगणना से क्या फायदा होगा? @sudhirchaudhary
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— Zee News (@ZeeNews) May 10, 2022