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नई दिल्ली: भारत सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currencies) पर प्रतिबंध लगा सकती है. मंगलवाक को एक घंटे में ही Bitcoin समेत तमाम क्रिप्टो करेंसी की कीमतें 15 से 20 प्रतिशत तक गिर गई थीं. हालांकि बुधवार को जब ये सुगबुगाहट हुई कि सरकार क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बजाय इसे नियंत्रित कर सकती है तब क्रिप्टो का बाजार कुछ बेहतर हुआ और Crypto Currencies की कीमतों में थोड़ा सुधार आया.
लेकिन ये सब कयास हैं क्योंकि सरकार ने अभी औपचारिक रूप से स्पष्ट नहीं किया है कि Crypto Currecny पर लाए जा रहे नए बिल में क्या होगा? लेकिन एक बात स्पष्ट है कि जो भी फैसला सरकार लेगी, उसका असर भारत के उन 10 करोड़ लोगों पर जरूर पड़ेगा, जिन्होंने किसी ना किसी क्रिप्टो करेंसी में अपना पैसा निवेश किया हुआ है. अगर ऐसा मान लिया जाए कि एक परिवार में औसतन 4 से 5 सदस्य भी हैं तो ये बिल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भारत के 40 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा.
Crypto पर प्रतिबंध की खबर आने के बाद से लोग उन एक्सचेंजेस की तरफ भी देख रहे हैं, जिनके जरिए भारत के लोगों ने Digital Currecny में 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं. हालांकि Crypto Exchanges तो ये दावा भी करते हैं कि इस बाजार में भारतीयों के 6 लाख करोड़ रुपये लगे हुए हैं. अगर ये बात सही है तो आप कह सकते हैं कि भारत की कुल GDP का 3% और भारत के वार्षिक बजट का 17% पैसा लोगों ने Crypto में लगा रखा है. भारत में इस समय करीब 10 ऐसे प्रमुख Crypto Exchanges हैं, जिनके जरिए लोग क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं या बेचते हैं. इसके बदले में ये Exchanges निवेशकों से फीस वसूलते हैं. हालांकि ये फीस बहुत मामूली होती है. लेकिन यही Crypto Exhanges की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है.
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि भारत पूरी दुनिया में Crypto का सबसे बड़ा बाजार है और भारत में जितने लोगों ने शेयर मार्केट में पैसा नहीं लगाया है, उससे कई गुना ज्यादा लोगों ने पिछले 2 वर्षों में क्रिप्टो में निवेश किया है और निवेशकों की इतनी बड़ी संख्या के दम पर ही भारत की वो कंपनियां फल-फूल रही हैं, जो खुद को Crypto Exchange कहती हैं. आज इनमें से ज्यादातर कंपनियों के मालिकों या फिर बड़े अधिकारियों के भी बयान आए हैं. किसी ने इस बात का भरोसा दिया है कि सरकार क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाएगी, तो किसी ने कहा है कि निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और ऐसे ही एक एक्सचेंज के मालिक ने तो खुद ट्विटर पर लोगों से पूछा कि अगर सरकार ने क्रिप्टो को बैन कर दिया तो जो डिजिटल करेंसी पहले से चलन में है उनका क्या होगा? इसका सीधा जवाब तो किसी के पास नहीं है लेकिन इतना तो तय है कि अगर क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगा तो आप अपने बैंक या किसी भी UPI वॉलेट के जरिए क्रिप्टो करेंसी नहीं खरीद पाएंगे और ना ही खरीदी गई क्रिप्टो करेंसी को रुपयों में बदल पाएंगे.
अब क्रिप्टो के निवेशक तो शायद रातों रात करोड़पति नहीं बन पाएंगे लेकिन क्रिप्टो एक्सचेंजेस की शुरुआत करने वाले कई लोग पिछले 2-3 वर्षों में करोड़पति जरूर बन गए हैं. उदाहरण के लिए वर्ष 2018 में Wazir X नाम के क्रिप्टो एक्सचेंजे की शुरुआत करने वाले 35 वर्ष के निश्चल सेठी इस समय करीब 38 करोड़ रुपयों के मालिक हैं. यहां हम एक बात स्पष्ट कर दें कि ये आंकड़े हमें अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स से मिले हैं और हम इसकी पुष्टि नहीं करते. लेकिन जो कंपनियां विज्ञापनों पर इतना खर्च कर रही हैं, जाहिर है उन्हें कहीं से तो मुनाफा हो ही रहा होगा और वो करोड़ों रुपये कमा भी रही होंगी. इसी तरह भारत में एक विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजे काम करता है, जिसका नाम है Coin Base. इस कम्पनी ने इसी साल भारत में काम करना शुरू किया है और अब इसके मालिक ब्रायन आर्मस्ट्रॉन्ग 49 हजार करोड़ रुपये के मालिक बन चुके हैं. इसी तरह भारत के दो क्रिप्टो एक्सचेंजेस Coin Switch और Coin DCX अब Unicorn में बदल चुके हैं यानी इनका बाजार मूल्य 7 हजार 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो चुका है.
वर्ष 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारत में क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था और इतने कम समय में ही करोड़ों निवेशकों के दम पर ये क्रिप्टो एक्सचेंजेस का काम करने वाली कंपनियां हजारों करोड़ रुपये की कंपनियों में बदल गईं और इनके मालिक करोड़पति और अरबपति बन गए. आपने TV पर क्रिप्टो एक्सचेंजेस के विज्ञापन जरूर देखे होंगे, जिनमें आपको बार-बार ये भरोसा दिलाया जाता है कि इसमें निवेश करना बिल्कुल सरल और सुरक्षित है. वर्ष 2021 में ही इन विज्ञापनों पर 150 से 180 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, और इंटरनेट पर विज्ञापनों का जो बाजार है, उसमें इसी साल जनवरी के महीने तक क्रिप्टो एक्सचेंजेस के विज्ञापनों की हिस्सेदारी 6% थी. जो इसी साल जुलाई तक बढ़कर 46% हो गई.
हाल ही में हुए T-20 World Cup के दौरान भी सिर्फ दो कंपनियों ने ही TV पर 50 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए थे. जाहिर है कि आम निवेशकों की तरह ये कंपनियां भी क्रिप्टो पर बड़ा दांव खेल रही थीं. लेकिन Crypto के निवेशकों के हाथ शायद अब कुछ ज्यादा नहीं लगने वाला. इस पर आज बहुत सारी प्रतिक्रियाएं भी आई हैं. हालांकि अभी तो ये बिल आने में थोड़ा समय है और एक बार जब ये बिल संसद में पेश होगा तभी स्पष्ट होगा कि भारत में क्रिप्टो का भविष्य क्या है. तब तक अपने निवेश को नियंत्रित कीजिए और अगर आपको आपके निवेश का भविष्य खतरे में लगता है तो अपना पैसा निकाल लीजिए.
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