30 हजार फीट की ऊंचाई पर जब तूफान में आपका विमान फंस जाए तब क्या विकल्प बचता है?
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30 हजार फीट की ऊंचाई पर जब तूफान में आपका विमान फंस जाए तब क्या विकल्प बचता है?

हाल ही में हुए इंडिया फ्लाइट टर्बुलेंस ने सभी को हिलाकर रख दिया है. विमान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. चलिए जानते हैं कि उस समय क्या-क्या हुआ जब विमान 30 हजार फीट ऊपर था. 

30 हजार फीट की ऊंचाई पर जब तूफान में आपका विमान फंस जाए तब क्या विकल्प बचता है?

आप इस वक्त जहां भी बैठे हैं उसे एक फ्लाइट की सीट मान लें. आंख मूंदकर एक बार को सोचें कि आप एक फ्लाइट में ट्रैवल कर रहे हैं. आपने कुर्सी की पेटी बांध रखी है और अचानक आपका विमान जोर-जोर से हिलने लगता है. आपकी सीट पांच से दस फीट ऊपर नीचे होने लगती है. आपका विमान दाएं-बाएं तेजी से हिलने लगता है. खिड़की के बाहर आपको काले बादल दिख रहे हैं. पास में ही बिजली चमक रही है. आपके आसपास हर कोई अपने ईश्वर को याद कर रहा है. ऐसे वक्त में एक ही ख्याल आता है कि कहीं विमान क्रैश तो नहीं करने वाला है. कहीं ये आखिरी सफर तो नहीं है.

कल दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 में बैठे 227 लोगों का भी यही हाल था. विमान बादलों के बीच फंस गया था. खराब मौसम की वजह से विमान में तेज झटके लगने शुरू हुए. जिसके बाद अंदर चीख पुकार मच गई थी. आप में से कई लोग फ्लाइट में सफर कर चुके होंगे. कई लोगों ने टर्बुलेंस को महसूस किया होगा लेकिन इस विमान का टर्बुलेंस कैसा था, इसका अंदाजा आप वायरल तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं. 

इंडिगो की प्रेस रिलीज से पता चलता है कि विमान को रास्ते में अचानक ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा था. जिसकी वजह से फ्लाइट की नोज, यानी आगे का हिस्सा टूट गया. इस विमान के साथ हुआ क्या होगा अब आपको समझाते हैं. ये विमान आसमान में 30 हजार फीट की ऊंचाई पर करीब 800-900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार श्रीनगर की तरफ बढ़ रहा था. अचानक ये विमान बादलों के बीच घिर गया, तेज बिजली कड़कने लगी और इसके बाद विमान ओलावृष्टि के बीच फंस गया. जब कोई विमान ऐसी स्थिति में फंसता है तो उसे तेजी से हवा में ऊपर नीचे होने लगता है.

आप अगर किसी खराब सड़क पर गाड़ी या बाइक चलाते हैं तो आपको दिक्कत होती है जरा सोचिए इस वक्त इस विमान के पायलट का क्या हाल होता होगा. इतनी ऊंचाई पर इतनी तेज रफ्तार में उड़ते प्लेन को कैसे कंट्रोल किया जाता होगा, लेकिन इन पायलट्स को ऐसे हालातों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है. यही वजह है कि ऐसी परिस्तिथियों के बावजूद इस वक्त सभी 227 पैसेंजर, पायलट और क्रू मेंबर सेफ हैं.

आमतौर पर तो ऐसे टर्बुलेंस से विमान सुरक्षित निकल जाता है लेकिन कई बार फ्लाइट टर्बुलेंस बड़े हादसों की वजह बना है.

  • 1994 में अमेरिका में US एयर फ्लाइट 1016 आंधी-तूफान की वजह से पैदा हुए टर्बुलेंस के कारण लैंडिंग के समय क्रैश हो गई थी. इस हादसे में 37 लोगों की मौत हो गई थी.

  • इसके तीन साल बाद 1997 में United Airlines Flight 826 जापान के पास भारी टर्बुलेंस में फंसने से अचानक नीचे गिरा, एक यात्री की मौत हुई और सौ से ज्यादा घायल हुए थे.

  • 1999 में अमेरिकी एयरलाइन फ्लाइट 1420 आंधी-तूफान की वजह से पैदा टर्बुलेंस के बाद लैंडिंग के समय एयरपोर्ट पर रनवे से आगे निकलकर क्रैश हो गई थी. इस हादसे में विमान में सवार 145 में से 11 लोगों की मौत हुई थी.

  • 2001 में American Airlines Flight 587 न्यूयॉर्क से उड़ान भरते ही टर्बुलेंस में फंसने पर पायलट ने रडर को तेजी से घुमाया, जिससे प्लेन का टेल टूट गया और विमान क्रैश हो गया. इस हादसे में 265 लोग मारे गए.

  • Singapore Airlines Flight 321 (2024): मई 2024 में यह फ्लाइट लंदन से सिंगापुर जा रही थी, जब अचानक टर्बुलेंस में फंस गई. प्लेन को बैकअप लैंडिंग करानी पड़ी. इस हादसे में 18 यात्री जख्मी हुए.

हालांकि समय के साथ यात्री विमानों की तकनीक में काफी सुधार हुआ है. आज की तारीख में विमानों के SAFETY STANDARDS काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. जिसकी वजह से फ्लाइट्स टर्बुलेंस को झेल जाती हैं लेकिन हम आपको एक सलाह जरूर देना चाहेंगे. टर्बुलेंस या किसी भी तरह की ऐसी इमेरजेंसी सिचुएशन में पैनिक न करें. फ्लाइट के क्रू का सहयोग करें.

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