Supreme Court on TV Anchor Arrest: तमाम टीवी शो में आपने डिबेट के दौरान तीखे बयान सुने होंगे. क्या आपने सोचा है कि गेस्ट के बयान के लिए एंकर को गिरफ्तार किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट में एक मामला पहुंचा तो देश की सबसे बड़ी अदालत ने क्या कहा, इसे सबको पढ़ना चाहिए.
Trending Photos
सुप्रीम कोर्ट में एक दिलचस्प मामला सामने आया. टीवी शो में गेस्ट के बयान के लिए एक एंकर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तेलुगु पत्रकार कोमिनेनी श्रीनिवास राव को जमानत दे दी. राव को आंध्र पुलिस ने इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि उनके टीवी शो में एक पैनलिस्ट ने अमरावती को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी लेकिन उन्होंने पैनलिस्ट को ऐसा करने से नहीं रोका. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राव की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी गेस्ट के बयान के लिए एंकर को गिरफ्तार कैसे किया जा सकता है?
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि राव ने पैनलिस्ट को ऐसा बयान देने के लिए उकसाया था. जब गेस्ट ने आपत्तिजनक बात कही तो वह हंस रहे थे. वह बतौर एंकर उस चैनल के प्रोगाम का हिस्सा है. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी बनती है. वह मूकदर्शक बने नहीं रह सकते.
सुप्रीम कोर्ट बोला, ये तो रोज हो रहा
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह तो रोज हो रहा है. कई एंकर के शो में हमने देखा है. जब कोई बेतुका बयान देता है तो अमूनन लोग हंस देते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह भी साजिश में शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया कि याचिकाकर्ता 70 साल के वरिष्ठ पत्रकार हैं. उन्होंने अपनी ओर से ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी हो. अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार की रक्षा के लिए ज़रूरी है कि लाइव टीवी शो में पत्रकार के तौर पर उनके शामिल होने के अधिकार को सुरक्षित किया जाए. कोर्ट जमानत पर उनकी रिहाई का आदेश दे रहा है. ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्त तय करे.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता भविष्य में ऐसा कोई बयान नहीं देंगे और न ही अपनी मौजदूगी में अपनी ओर से मेजबानी कर रहे प्रोगाम में किसी दूसरे को ऐसा बयान देने की इजाजत देंगे.