... जब एक कश्‍मीरी ने अपनी बहन के लिए CRPF के जवानों से मांगा खून
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... जब एक कश्‍मीरी ने अपनी बहन के लिए CRPF के जवानों से मांगा खून

खून देने वाले जवानों में दो जवान ऐसे भी थे, जिन्‍होंने रोजा रखा हुआ था. रोजा होने के बावजूद दोनों जवानों ने रक्तदान किया.

ल्‍यूकेमिया से पीड़ित कश्‍मीरी युवती को पांच दिनों से खून की कमी से जूझ रही थी.

नई दिल्‍ली: जम्‍मू और कश्‍मीर में भले ही CRPF के जवानों को रोजाना पत्‍थरबाजों के पत्‍थरों का सामना करना पड़ता हो, बावजूद इसके उनके दिल में घाटी के हर वाशिंदे के लिए भरपूर मोहब्‍बत है. इस मोहब्‍बत की बानगी तब नजर आई जब अस्‍पताल में खून की कमी से तड़प रही अपनी बहन के लिए एक कश्‍मीरी ने CRPF के जवानों से खून को लेकर गुहार लगाई. CRPF के जवान में मिले तमाम कड़वे अनुभवों को भूल इस कश्‍मीरी शख्‍स की मदद के लिए अस्‍पताल पहुंच गए. CRPF के चार जवानों ने मदद मांगने वाले कश्‍मीरी की बहन की जान बचाने के लिए कुछ छह यूनिट ब्‍लड की सहायता की. खून देने वाले जवानों में दो जवान ऐसे भी थे, जिन्‍होंने रोजा रखा हुआ था. रोजा होने के बावजूद दोनों जवानों ने कश्‍मीरी युवती के लिए दो यूनिट ब्‍लड की सहायता की.

  1. ल्‍यूकेमिया की बीमारी से पीड़ित है कश्‍मीरी युवती
  2. कहीं से खून न मिलने पर CRPF  से मांगी मदद
  3. CRPF के चार जवानों ने दिया 4 यूनिट ब्‍लड
  4.  

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रोजा होने के बावजूद  CRPF के दो जवानों किया ब्‍लड डोनेट.

दरअसल यह मामला श्रीनगर के SKIMS हॉस्पिटल का है. जहां किश्‍तवाड़ के रहने वाले अनिल सिंह की बहन पूजा भर्ती थी. पूजा ल्‍यूकेमिया की बीमारी से पीड़ित है. पूजा का इलाज कर रहे डाक्‍टरों ने अनिल सिंह के सामने अचानक छह यूनिट खून की मांग रख दी. अपनी बहन के लिए ब्‍लड डोनर खोजने के लिए अनिल सिंह ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगा लिया, लेकिन वह सिर्फ दो ही यूनिट खून का इंतजाम कर सके. अनिल सिंह को जब कोई रास्‍ता नहीं सूझा तो उन्‍होंने CRPF की 'मददगार' के नाम से चलने वाली हेल्‍पलाइन नंबर 14411पर मदद मांगी. CRPF के कंट्रोल रूप में तत्‍काल श्रीनगर में तैनात सभी जवानों को संदेश भेजकर हर हालत में मदद करने के लिए कहा गया. जिसके बाद, सबसे पहले सब-इंस्‍पेक्‍टर संजय पासवान, कांस्‍टेबल मुदसीर रसूल भट्ट, मोहम्‍मद असलम मीर और कांस्‍टेबल रामनिवास ने खून देने की इच्‍छा जाहिर की.

 

 

CRPF के चारों जवानों को तत्‍काल अस्‍पताल के लिए रवाना किया. जहां चारों जवानों ने एक-एक यूनिट ब्‍लड डोनेट किया. ब्‍लड डोनेट करने वालों में रसूल भट्ट और असलम मीन ने रोजा रखा हुआ था. उन्‍हें सलाह भी दी गई कि वह रोजे के दौरान ब्‍लड डोनेट न करें, उन्‍हें कमजोरी हो सकती है. दोनों जवान नहीं माने. दोनों जवानों ने ब्‍लड डोनेशन को रमजान की सबसे बड़ी इबादत बताते हुए ब्‍लड डोनेशन की इजाजत मांगी. दोनों जवानों की इच्‍छा शक्ति को देखते हुए आला अधिकारियों ने दोनों जवानों को ब्‍लड डोनेट करने की इजाजत दे दी. जिसके बाद पूजा को CRPF की तरह से 4 यूनिट ब्‍लड की मदद पहुंचाई गई. CRPF के अधिकारियों ने अनिल सिंह को आश्‍वस्‍त किया है कि भविष्‍य में किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर CRPF की टीम उनकी हर संभव मदद करने के लिए सदैव तैयार रहेगी.

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