छात्र ने पीएम मोदी से पूछा, 2019 के 'एग्जाम' के लिए आपकी तैयारी कैसी चल रही है?
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छात्र ने पीएम मोदी से पूछा, 2019 के 'एग्जाम' के लिए आपकी तैयारी कैसी चल रही है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देशभर के विद्यार्थियों से 'परीक्षा पर चर्चा' की और कहा कि उन्हें दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए.

पीएम ने कहा कि आपकी परीक्षा तो साल में एक बार होती है, हमारी तो हर घंटे होती है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देशभर के विद्यार्थियों से 'परीक्षा पर चर्चा' की और कहा कि उन्हें दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए. मोदी ने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब में कहा, "आप को स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए. दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना बंद करें और खुद से प्रतिस्पर्धा करें." 'परीक्षा पर चर्चा' नामक इस बातचीत सत्र का आयोजन तालकटोरा स्टेडियम में किया गया. इसका आयोजन प्रधानमंत्री द्वारा अपनी पुस्तक 'एक्जाम वारियर्स' के लांच के कुछ दिनों बाद किया गया है.   

  1. पीएम ने कहा - खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए 
  2. दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना बंद करें
  3. पीएम मोदी ने परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दीं

चर्चा के दौरान एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा, "अगले साल बोर्ड की परीक्षा होगी, इसी तरह से प्रधानमंत्री की बोर्ड की परीक्षा अर्थात लोकसभा चुनाव अगले वर्ष होगा, ऐसे में उनकी क्या तैयारी है या क्या वे नर्वस हैं?"

प्रश्न के उत्तर में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘आपकी बोर्ड की परीक्षा के लिए आपको शुभकामनाएं, मेरी बोर्ड की परीक्षा (2019 लोकसभा चुनाव) के लिए 125 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद मेरे साथ है, यही मेरी ताकत है और इसी के सहारे मैं बढ़ता हूं.’’ प्रधानमंत्री ने इस सवाल पर गिरीश से कहा कि अगर वे उनके शिक्षक होते, तो उन्हें पत्रकार बनने की सलाह देते. 

'परीक्षा पर चर्चा' : बच्चों के सवाल और PM मोदी के जवाब

पीएम ने आगे कहा, ‘‘आपकी परीक्षा तो साल में एक बार होती है, हमारी तो हर घंटे होती है. हिंदुस्तान के किसी कोने में नगरपालिका का कोई चुनाव हो और हार गए तो ब्रेकिंग न्यूज बनता है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा यह मानता हूं कि आप पढ़ते रहें, सीखने की कोशिश करें, सीखने पर ध्यान दें और भीतर के विद्यार्थी को जीवित रखें. परीक्षा, परिणाम और अंक तो इसके ‘‘बाई प्रोडक्ट’’ हैं. आपने काम किया है, जो परिणाम आयेगा, वह आयेगा." प्रधानमंत्री ने कहा कि अंक को ध्यान में रखकर चलने से शायद वह चीज नहीं कर पाते हैं, जो करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में सारी ऊर्जा, दिमाग 125 करोड़ लोगों की भलाई के लिए लगाया है. चुनाव आएंगे, जाएंगे.

क्या मैं आपके माता-पिता की क्लास लूं?    
माता पिता द्वारा परीक्षा में छात्रों पर दबाव बनाने संबंधी इस सवाल पर प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या आप चाहते हैं कि वे उनके माता-पिता की क्लास लें ?
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने माता पिता के इरादों पर शक नहीं करना चाहिए, यह स्वीकार करना चाहिए कि मां..बाप ने आपके सपनों को साकार करने के लिये जीवन खपा दिया है. एक बार यह तय कर लें तब सब कुछ ठीक हो जाता है.’’

उन्होंने कहा कि कुछ माता-पिता अपने बच्चों से अपने अधूरे सपनों को पूरा करवाना चाहते हैं. यह ठीक नहीं होता है. बच्चों को प्रेरित करते मोदी ने कहा कि हर बच्चे में हुनर होता है, वे सभी माता-पिता से भी अनुरोध करते हैं कि अपने बच्चों को केवल एक परीक्षा से नहीं तोलें . जिंदगी में ऐसे बहुत से एक्जाम आएंगे इसीलिए उन्हें प्रेरित करें .

‘डिफोकस’ होना सीखना चाहिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे पहले बच्चों को ‘डिफोकस’ होना सीखना चाहिए. घड़े में अगर पानी ऊपर तक भर जाएगा तो पानी तो बाहर निकलेगा ही. इसीलिए सबसे पहले डिफोकस होना सीखिए, इससे आपको तनाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आज छात्रों के इर्द गिर्द 24 घंटे परीक्षा, कैरियर जैसे शब्द चलते रहते हैं. यह समझने की जरूरत है कि इससे भी परे दुनिया है . खेलकूद है, पंचमहाभूत हैं जिसमें पृथ्वी, आकाश, वायु, जल, अग्नि शामिल है.

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे शरीर की रचना ही ऐसी बनी है कि जब भी हम इन पंचमहाभूतों के सम्पर्क में आते हैं, तो यह हमें तरोताजा कर देती है.’’ उन्होंने छात्रों से अपनी पसंद की चीजे करने जैसे खेलने, गीत गाने, खुले पांव मिट्टी पर चलने आदि का सुझाव दिया. परीक्षा के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने छात्रों को सुझाव दिया कि अपने बहुमूल्य समय का भरपूर उपयोग करें. सबसे पहले प्राथमिकता तय करें. समय के अनुसार अपने टाइमटेबल को तय करें . सभी छात्रों को डायरी लिखनी चाहिए, डायरी में लिखें कि कल क्या क्या करना है.

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