INSIDE STORY of Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने उस पर परमाणु क्षमता संपन्न शाहीन मिसाइल तक का इस्तेमाल किया था. लेकिन भारत ने अपनी जबरदस्त एयर डिफेंस सिस्टम से उसे नाकाम कर डाला.
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How did India Stop Pakistan Attacks: पाकिस्तान को धूल चटाने वाला भारत का ऑपरेशन सिंदूर मुनीर के लिए किसी बुरे सपने जैसा है. हिंदुस्तान की जांबाज सेना के इसी ऑपरेशन ने मुनीर आर्मी को घुटनों पर ला दिया था. या यूं कहे कि मुंगेरी लाल की तरह सपने देखने वाले मुल्ला मुनीर के अरमानों पर ऐसा पानी फेरा कि मुनीर खुद ही घबरा कर बंकर में छिपने को मजबूर हो गया है. मुल्ला मुनीर और उसकी नापाक फौज चीन और चुर्किए से मिले हथियारों के दम पर भारत से पंगा लेने चली थी. लेकिन भारत ने ऐसा सबक सिखाया कि पाकिस्तान अब दुनिया के सामने बिलबिला रहा है. आज सेना ने पाकिस्तान के कबाड़ हथियारों की प्रदर्शनी लगाई और बताया कि कैसे ये सारे हथियार भारत के हथियारों के आग टिक नहीं पाए.
पाक के खिलाफ तैयार है सेना
ना-पाक पाकिस्तान की पोल तो दुनिया के सामने खुल ही चुकी है. लेकिन आज एक बार फिर से भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसकी फौज की पोल खोल दी. ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर मुल्ला मुनीर ने भारत के धार्मिक स्थलों और नागरिको को निशाना बनाकर हमला किया. लेकिन भारतीय सेना के सुरक्षाचक्र को वो भेद नहीं पाया है. भारतीय सुरक्षा चक्रों ने पाकिस्तान के हथियारों और नापाक इरादों को हवा में ढेर कर दिया. उसके कबाड़ हथियारों की भी पोल खोल दी.
भारतीय सेना ने मुल्ला मुनीर की सेना को ऐसा पीटा कि आने वाले दशकों तक मुल्ला मुनीर औऱ उसकी सेना इसे याद रखेगी. अपनी इज्जत बचाने के लिए पाक को युद्ध के मुहाने पर खड़ा करना वाला मुनीर भारतीय सेना से पीटने के बाद अब मुंह छिपाकर बंकरों में छिपा फिर रहा है.
8 मई के पाकिस्तानी हमले का ये वीडियो है. जिसमें दुनिया भर के करोड़ों सिखों के आस्था के केंद्र स्वर्ण मंदिर पर अटैक की कोशिश हुई. लेकिन पाकिस्तान का ये हमला भारतीय सेना की दीवार को पार नहीं कर पाया.
स्वर्ण मंदिर के लिए ढाल बन गई भारतीय सेना
सेना ने ना सिर्फ गोल्डन टैंपल पर हुए हमले को नाकाम किया बल्कि जो पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइलें मार गिराई गईं. उनके मलबे का सबूत भी दुनिया को दिखाया है. उन तस्वीरों में...पाकिस्तान की ओर से दागे गए A-100 MLRS...YIHA ड्रोन और PL-15 एयर टू एयर मिसाइल और हत्फ-1 मिसाइल का मलबा आप सोशल मीडिया पर देख सकते हैं. यानी पाकिस्तान ने जो भी हथियार भेजा, वो भारतीय सेना ने बर्बाद कर दिया.
पाकिस्तानी हथियार A-100 MLRS चीन में बना मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर हथियार है. जिसकी रेंज 100 किलोमीटर तक है. ये सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. इसे भारतीय के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही तबाह कर दिया और पाकिस्तान को बता दिया कि चीनी हथियारों के दमपर वो कितना भी उछल ले लेकिन भारत के आगे उसकी एक नहीं चलेगी.
तबाह हो चुकी पाकिस्तान की चीनी मिसाइल PL-15 लॉन्ग-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है. ये मिसाइल विशेष रूप से चीन के 5TH जनरेशन के फाइटर जेट्स जैसे कि J-20 के लिए डिज़ाइन की गई है. पाकिस्तान ने इसे अपने लड़ाकू विमानों से दागा लेकिन ये मिसाइल भी हवा में ही फुस्स हो गई.
पाकिस्तान चीन और तुर्किए से मिले हथियारों के दमपर भारत पर हमले की जुर्रत दिखाई. लेकिन हिंद की सेना ने इसे हवा में ऐसा ढेर किया जैसे ये हथियार नहीं कोई खिलौना हो. YIHA जिसे कमीकेज़ ड्रोन भी कहते हैं, इसे पाकिस्तान औऱ तुर्किए ने मिलकर बनाया था. दोनों देश इस ड्रोन के नाम पर बड़ा इतराते थे लेकिन जब इसका सामना भारत के अभेद्य सुरक्षा चक्र से हुआ तो इसकी पोल खुल गई.
भारत ने हात्फ़-1 मिसाइलों के उड़ा दिए परखचे
पाकिस्तान की ओर से खुद बनाई गई मिसाइल हात्फ़-1 परखच्चों में बदल चुकी है. ये पाकिस्तान की कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. पाकिस्तान ने इस मिसाइल के जरिए ही सरफेस टू सरफेस मार करने वाले मिसाइल प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी. हात्फ का मतलब अरबी में घातक हथियार होता है और इस मिसाइल को भारत की मिसाइल पृथ्वी 1 के विरोध में तैयार किया गय़ा था. इसकी रेंज 70–100 किमी है.
इसीलिए पाकिस्तान ने इसे पंजाब को टारगेट करके के हमला किया लेकिन भारतीय सेना के आधुनिक हथियारों ने पाकिस्तान की तरह उसके हथियारों को वहीं हाल किया जो इससे पहले के हथियारों का हुआ था. पाकिस्तान ने ऐसी कई और हथियारों के दम पर गुरूओं की धरती पंजाब को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम हो गई.
पाकिस्तान ने अपनी ताकत दिखाने के लिए अलग अलग तरह की कई मिसाइल बना रखी है. लेकिन वो जिन मिसाइल के दम पर खुद को ताकतवर दिखाने की कोशिश करता है... पाकिस्तान की मिसाइलों की पहुंच भारत में कहां कहां तक है. पाकिस्तान जिन मिसाइलों के दम पर उछलता है और भारत को सबक सिखाने का ख्वाब देखता है उनकी क्या खासियत है. क्या उनमें इतनी क्षमता है कि वो भारत को टारगेट कर सकें.
शाहीन के उड़ा दिए चिथड़े
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान लगातार हमला तो कर ही रहा था साथ ही न्यूक्लियर अटैक की धमकी भी दे रहा था. उसने भारत के कुछ शहरों को टारगेट भी किया था लेकिन सेना ने पाकिस्तान के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया. अब सवाल उठता है पाकिस्तान दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों में शुमार भारत को किन हथियारों के दम पर धमकी दे रहा था. पाकिस्तान के पास कौन कौन सी मिसाइल है जो भारत के लिए चैलेंजिंग है.
पाकिस्तान की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है शाहीन. शाहीन मिसाइल के तीन वर्जन आते हैं जो अलग अलग रेंज में अटैक कर सकती है. शाहीन पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी तक हमला करने वाली मिसाइल है जो न्यूक्लियर वारहेड ले जाने में भी सक्षम है.
शाहीन-III की रेंज 2,750 किमी. है जो सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल है. जो भारत के किसी भी हिस्से में पहुंच सकती है. जबकि शाहीन-2 की क्षमता 2500 किमी. तक है और शाहीन-1 शॉर्ट रेंज मिसाइल है जो 750 से 1000 किलोमीटर तक वार कर सकती है.
पाकिस्तान की सबसे खतरनाक और विनाशक मिसाइल भी भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकती क्योंकि इंडियन डिफेंस फोर्सेस के पास एयर डिफेंस का ऐसा सिस्टम है जो पाकिस्तानी मिसाइलों के भारत की जमीन पर अटैक से पहले ही परखच्चे उड़ा देता है.
शाहीन के बाद पाकिस्तान की गौरी सबसे खतरनाक मिसाइल में से एक है. जिसके दम पर पाकिस्तान अपनी ताकत दिखाता है. गौरी भी बैलिस्टिक मिसाइल है जो अपना टारगेट के लिए जानी जाती है. लेकिन डिस्टेंस के मामले में इसकी क्षमता शाहीन से कम है लेकिन गौरी मिसाइल के भी दो वर्जन हैं.
किसी काम नहीं आ पाई गौरी
गौरी-II 2,000 से 2,300 किलोमीटर तक जा सकती है... जबकि गौरी-1 की क्षमता 1300 किलोमीटर तक मार सकती है. गौरी मिसाइल की लंबाई 15.90 मीटर और वजन 15,850 किलोग्राम है.
पाकिस्तान विदेशी आक्रांताओं का बड़ा फैन है. भारत पर हमला करने वाले मुस्लिम आक्रमणकारियों को पाकिस्तानी सरकार और आर्मी अपना वंशज बताने में प्राउड फील करती है. मजहब के नाम पर पाकिस्तानी आवाम को बेवकूफ बनाती है. इसलिए उसने बाबर को अपना बताया और उसके नाम पर मिसाइल का नाम रख दिया. पाकिस्तान ने बाबर की टेस्टिंग 2017 में की थी. बाबर मिसाइल के भी तीन वर्जन है जो अलग-अलग रेंज तक मार सकती है.
बाबर सबमरीन लॉन्च क्रूज मिसाइल है जो न्यूक्लियर वारहेड ले जा सकती है. जिसकी रेंज 450 किलोमीटर तक है. जबकि बाबर 2 जिसको हत्फ-4 भी बोलते हैं. इसकी क्षमता 900 किलोमीटर तक हमला कर सकने की है.
भारत से आगे कैसे बेबस है पाकिस्तान?
ऐसी खतरनाक और एटम बम ले जा सकने वाली मिसाइल होने के बावजूद पाकिस्तान भारत से कांपता क्यों है. पाकिस्तान क्यों भारत के अभेद एयर डिफेंस सिस्टम के आगे बेबस है. भारत ने दुनिया के सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम की खरीद के साथ ही स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम भी डवलप किया है जो पाकिस्तानी मिसाइल को हवा में ही बर्बाद कर सकते हैं.
'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों और ग्यारह एयरबेस को सटीक हमलों से नष्ट कर दिया. भारत के इन हमलों ने पाकिस्तान के आतंकी गुटों और उनके पनाहगाहों की कमर तोड़कर रख दी. इस काम को बखूबी अंजाम दिया 'सुदर्शन चक्र' S-400 और एयर डिफेंस सिस्टम आकाशतीर ने. इसी के साथ ही भारत के डिफेंस सिस्टम्स ने दक्षिण एशिया में अपनी सैन्य श्रेष्ठता को रेखांकित किया जबकि पाकिस्तानी सेना के मनोबल को लंबे वक्त के लिए कमजोर कर दिया.
स्वदेशी अभेद्य दीवार 'आकाशतीर'
जब पाकिस्तानी आर्मी ने ड्रोन और मिसाइल से हमला बोला तो उसे भारत की 'आकाशतीर' जैसी स्वदेशी अभेद्य आत्मरक्षा दीवार का सामना करना पड़ा..जिसके सामने दुश्मन के ड्रोन फुस्स साबित हुए. पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के स्वदेशी आकाशतीर ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया.
आकाशतीर एक अभेद्य आत्मरक्षा प्रणाली है जिसे डीआरडीओ, बीईएल और इसरो ने मिलकर बनाया है..आकाशतीर भारत का स्वदेशी कमांड एंड कंट्रोल डिफेंस सिस्टम है. आकाशतीर रडार सेंसर और कम्युनिकेशन सिस्टम को जोड़कर दुश्मन के खतरों का पता लगाता है और उसे हवा में ही नष्ट कर देता है.
क्यों खास है 'आकाशतीर'?
आपको बताते हैं कि आकाशतीर की खासियत क्या है? यह 100 फीसद कॉम्बैट प्रूवन स्वदेशी डिफेंस सिस्टम है. लॉन्ग रेंज सरफेस टू एअर मिसाइल दागने में सक्षम है. यह मजबूत जैमर से लैस है और ड्रोन को तुरंत निष्क्रिय कर सकता है. ये मीडियम रेंज की मिसाइलें दागने में पूरी तरह सक्षम है.
ये रडार, मिसाइल और स्पाइडर सिस्टम से जुड़ा होता है.
आकाशतीर ने सभी पाकिस्तानी ड्रोन, मिसाइलों, माइक्रो यूएवी को नष्ट कर दिया था. आकाशतीर ने दिखा दिया कि ये दुनिया में मौजूद किसी भी डिफेंस सिस्टम से ज्यादा कारगर है. साथ ही ये व्हीकल माउंटेड सिस्टम है, जो इसे कहीं भी ले जाने में आसान बनाता है.
कैसे काम करता है आकाशतीर?
अब आपको बताते हैं कि कैसे काम करता है आकाशतीर? दरअसल, आकाशतीर कई फीड से डेटा इकट्ठा करता है और मौसम, इलाके और रडार इंटरसेप्टर से रियल टाइम डेटा लेता है. ये दुश्मन की ओर से आ रहे किसी भी खतरे की एकदम साफ इमेज प्रोवाइड करता है और उसे हवा में ही मार गिराता है. ये सरफेस टू एअर मिसाइल, रडार सिस्टम और स्पाइडर सिस्टम से कनेक्ट करके पूरा डाटा दे सकता है. ये प्लेटफॉर्म रडार सिस्टम, सेंसर और संचार तकनीकों को सिंक करने की क्षमता रखता है.
आकाश मिसाइल मतलब 'काल'
ब्रह्मोस और आकाशतीर की तरह ही आकाश भी भारत के रक्षा क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुआ. आकाश भारत की स्वदेशी सतह-से-हवा मिसाइल सिस्टम है, जिसे DRDO ने विकसित किया है. आकाश मिसाइल सिस्टम भारतीय वायुसेना और थलसेना की रीढ़ बन चुकी है. अब आपको आकाश मिसाइल सिस्टम की ताकत बता देते हैं.
आकाश मिसाइल सिस्टम की ताकत
आकाश मिसाइल 25-45 किलोमीटर की दूरी तक और 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक लक्ष्य को भेद सकती है. यह लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी सटीकता 90% से ज्यादा है. य़े एक बार में 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर 12 पर हमला कर सकती है.
8-10 मई 2025 को पाकिस्तान के किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को आकाश मिसाइल सिस्टम ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. श्रीनगर में एक पाकिस्तानी JF-17 फाइटर जेट और हिसार के पास फतेह- 2 और पंजाब में हत्फ-1 मिसाइल को आकाश-NG ने हवा में ही नष्ट किया. इसके अलावा, पाकिस्तानी सैन्य ड्रोन और PL-15 मिसाइलों को भी इसने बेअसर किया. ये प्रदर्शन भारत के 'आयरन डोम' के रूप में आकाश की ताकत को दर्शाता है.
भारत का 'सुदर्शन चक्र' S-400
रूस में बनी S-400 जिसे भारत में “सुदर्शन चक्र” कहा जाता है. विश्व की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल सिस्टम में से एक है..भारत ने इसे अपनी वायु रक्षा को और मजबूत करने के लिए रूस से खरीदा है.
भारत का 'सुदर्शन चक्र' S-400
भारत ने 2018 में 5.43 बिलियन डॉलर के सौदे में S-400 के पांच स्क्वाड्रन खरीदे थे. S-400 पाकिस्तान और चीन दोनों मोर्चों पर भारत को हवाई सुरक्षा प्रदान करती है.
7-8 मई की रात PAK का हमला नाकाम
7-8 मई, 2025 की रात पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई, भुज जैसे 15 जगहों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए. भारतीय S-400 डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. अब आपको S-400 मिसाइल सिस्टम की खासियत बता देते हैं.
S-400 की खासियत
S-400 लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और यहां तक कि हाइपरसोनिक हथियारों को भी मार गिरा सकती है. S-400 एक साथ 4 अलग-अलग रेंज की मिसाइलों को ऑपरेट कर सकती है, जिससे यह मल्टी-लेयर सुरक्षा प्रदान करती है. S-400 की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल 400 किलोमीटर तक के लक्ष्य को निशाना बना सकती है.
इसका सिस्टम स्टील्थ तकनीक से लैस फाइटर जेट्स जैसे F-35 को भी डिटेक्ट कर सकता है. S-400 एक साथ 100 से ज्यादा लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 36 लक्ष्यों पर एक साथ हमला कर सकता है. S-400 का रडार सिस्टम 360 डिग्री में काम करता है, जिससे यह चारों दिशाओं से आने वाले खतरों को पहचान सकता है. रडार से खतरा पहचानने से लेकर मिसाइल लॉन्च तक बहुत ही कम समय सिर्फ 5 से 10 सेकंड में प्रतिक्रिया देता है. पूरा सिस्टम ट्रकों पर आधारित होता है और तेज़ी से स्थान परिवर्तन कर सकता है, जिससे S-400 को ट्रैक करना मुश्किल होता है.