DNA: आतंक के आका तो मरेंगे, मदद करने वाले भी कब्र में जाएंगे...कौन हैं OGW, जो बनते हैं दहशतगर्दों की ढाल
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DNA: आतंक के आका तो मरेंगे, मदद करने वाले भी कब्र में जाएंगे...कौन हैं OGW, जो बनते हैं दहशतगर्दों की ढाल

Pahalgam Attack: कुछ गद्दार OGWs की वजह से पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों की जान ले ली..बस कुछ ऐसे आस्तीन के सांप हैं जो नमक भारत का खाते हैं लेकिन मदद पाकिस्तान की करते हैं और इनको पकड़ने के लिये इस समय कश्मीर में नॉनस्टॉप ऑपरेशन चल रहे हैं.

DNA: आतंक के आका तो मरेंगे, मदद करने वाले भी कब्र में जाएंगे...कौन हैं OGW, जो बनते हैं दहशतगर्दों की ढाल

Kashmir Over Ground Workers: जिस तरह से आतंकवादियों के घरों को बारूद की मदद से बर्बाद कर दिया गया. वही हाल देश के गद्दारों का भी होना चाहिए. उनको भी बम लगाकर उड़ा देना चाहिए. हम आपसे ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये भावना देश के बहुसंख्यक लोगों की है. ये भावना उन परिवारों की है जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में अपनों को खोया है.

लेकिन वो लोग और हम भी यही चाहते हैं कि सेना और सुरक्षाबल मिलकर गद्दारों का इलाज बम से करे. यहां हम बात कर रहे हैं कश्मीर के Over Ground Workers यानी OGW की, जो कश्मीर में पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को रहने, खाने-पीने, सुरक्षाबलों के बारे में जानकारी से लेकर हमला करने में भी मदद करते हैं. आतंकियों के लिये आंख और कान का काम करते हैं इसलिए इनके साथ भी आतंकियों जैसा ही सलूक होना चाहिए.

आतंकी के साथ मददगार भी ढेर

ये OGW आतंकियों के साथ मिलकर किस तरह काम करते हैं, इसका लेटेस्ट खुलासा कश्मीर के बांदीपुरा में हुए एक एनकाउंटर के बाद सामने आया है. जिसमें लश्कर का टॉप कमांडर अल्ताफ लल्ली मारा गया है. इस ऑपरेशन में आतंकी अल्ताफ का एक मददगार भी मारा गया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद मारा गया ये सबसे बड़ा टेररिस्ट है. आज जब सुरक्षाबलों ने अल्ताफ लल्ली को चारों तरफ से घेरा तब उसके साथ एक OGW भी मौजूद था. और जब एनकाउंटर शुरू हुआ तो गोली लगने के बाद आतंकी के साथ OGW भी मारा गया. 

हैरान करनेवाली बात है कि एक टॉप आतंकी के साथ OGW क्या कर रहा था. हो सकता है कि अभी चल रहे सर्च ऑपरेशनों से बचाने के लिये इस मददगार ने ही आतंकी अल्ताफ लल्ली को यहां छिपाकर रखा होगा. सुरक्षाबलों ने इस OGW का एनकाउंटर कर दिया. वरना ऐसे लोग गिरफ्तार होने पर कुछ दिनों तक जेल में रहते हैं और बाहर निकलने के बाद फिर से देश के साथ गद्दारी शुरू कर देते हैं.

आतंकी के ठिकाने पर मिला राशन-चूल्हा

कश्मीर में आतंकियों की मदद करनेवाले कई OGWs हैं. यही वजह है कि कुलगाम के तंगमर्ग में पाकिस्तानी आतंकियों के छिपने की जगह पर गैस सिलेंडर, गैस का चूल्हा, प्रेशर कुकर और राशन मिला. ये बात तय है कि कोई पाकिस्तानी आतंकवादी सीमा पार से ये सामान लेकर नहीं आया होगा. ये सबकुछ किसी OGW ने ही आतंकियों के ठिकाने पर पहुंचाया होगा. जैसे पाकिस्तान की मदद से आतंकवादियों का नेटवर्क चलता है..वैसा ही एक नेटवर्क OGWs का भी है.

क्या करते हैं OGW?

 ये आतंकवादियों की A टू Z मदद करते हैं. आतंकियों की घुसपैठ कराने. फिर उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर ठहराने. फिर वहां पर टेररिस्ट को खाना-पानी पहुंचाने से लेकर पैसों, कपड़ों का इंतजाम OGW ही करते हैं.

किसी आतंकी हमले के लिये तैयारी में भी OGWs का रोल बहुत जरूरी होता है. ये आतंकियों को सुरक्षाबलों के बारे में जानकारी देते हैं. उनको हमले की जगह तक पहुंचाते हैं. फिर अटैक के बाद आतंकियों को सुरक्षित रास्ते से निकालकर अपने सेफ हाउस तक ले जाते हैं. ये सारा काम OGWs का नेटवर्क करता है. यानी ये किसी आतंकी संगठन से भी ज्यादा खतरनाक है. पहलगाम हमले को लेकर भी ऐसी खबरें आई हैं कि वहां भी रेकी का काम जरूर किसी OGW ने किया है क्योंकि उस पिकनिक स्पॉट को कुछ दिनों पहले ही खोला गया था. आप सोचिये कि टूरिज्म से कश्मीर के स्थानीय लोगों की कमाई होती है और वहां के कुछ OGW ने कश्मीरियों के रोजगार पर चोट की और टूरिस्ट को निशाना बनाया.

कुछ गद्दार OGWs की वजह से पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों की जान ले ली..बस कुछ ऐसे आस्तीन के सांप हैं जो नमक भारत का खाते हैं लेकिन मदद पाकिस्तान की करते हैं और इनको पकड़ने के लिये इस समय कश्मीर में नॉनस्टॉप ऑपरेशन चल रहे हैं.

  • अब तक मिली जानकारियों के मुताबिक कश्मीर के 10 जिलों में 3500 OGWs एक्टिव हैं.

  • और यही कश्मीर में आतंकवादियों को मिल रहे लोकल सपोर्ट देने वाला गिरोह है.

  • पहलगाम हमले के बाद 2000 से ज्यादा आतंकवादियों के मददगार को हिरासत में लिया गया है.

  • सिर्फ पहलगाम में ही 250 आतंकियों के हेल्पर हैं जिनसे पूछताछ चल रही है और 7 गिरफ्तार हो चुके हैं.

  • पिछले कुछ वर्षों में OGWs की गिरफ्तारी के बाद 195 टेरर मॉड्यूल और आतंकियों के छिपने के 35 ठिकानों का पता चला है.

  • वर्ष 2024 से अभी तक आतंकियों के करीब 700 मददगार पकड़े गये, जिनमें से कुछ को छोड़ दिया गया और कई अभी भी कस्टडी में हैं.

  • और इन OGWs की मदद से ही जम्मू और कश्मीर में इस समय 138 विदेशी और लोकल टेररिस्ट ऑपरेट कर रहे हैं.

आपको याद होगा. कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन All Out शुरू किया गया, जिसके बाद वहां आतंकियों की संख्या में तेज रफ्तार से कमी आई थी. अब वैसा ही ऑपरेशन आतंकियों के मददगारों के खिलाफ भी चल रहा है. और अब तो खुद कश्मीरी भी पाकिस्तान के खिलाफ भारत के सुरक्षाबलों का साथ दे रहे हैं. 

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