अल्लाहु अकबर कहने वाला जिपलाइन ऑपरेटर मुश्किल में: क्या बोले पिता और पड़ोसी, NIA ने क्यों नहीं दी क्लीन चिट?
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अल्लाहु अकबर कहने वाला जिपलाइन ऑपरेटर मुश्किल में: क्या बोले पिता और पड़ोसी, NIA ने क्यों नहीं दी क्लीन चिट?

पहलगाम हमले के समय का एक और वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर नई बहस छिड़ गई है. वीडियो में दिखाई दे रहा जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल अल्लाहु अकबर बोल रहा है. बताया जा रहा है कि मुजम्मिल की अब मुश्किलें बढ़ गई हैं. 

अल्लाहु अकबर कहने वाला जिपलाइन ऑपरेटर मुश्किल में: क्या बोले पिता और पड़ोसी, NIA ने क्यों नहीं दी क्लीन चिट?

DNA: सहस्त्रार्जुन की मौत का बदला लेने के लिए उसके बेटों ने अपने साथी-सहयोगियों के साथ परशुराम की गैर-मौजूदगी में उनके पिता जमदग्नि के आश्रम पर हमला कर दिया. उसने परशुराम के पिता को मार डाला. आस-पास के ऋषि-मुनियों की जान ले ली. परशुराम की मां रेणुका पर भी हमला किया. उनकी मां के शरीर पर जख्म के 21 निशान थे. जब परशुराम आए और उन्होंने पिता का शव और मां के जख्म देखे तो उन्होंने प्रतिशोध का प्रण लिया. माहिष्मती जाकर ना सिर्फ सहस्त्रार्जुन के बेटों को मारा. बल्कि जितने भी लोग उस हमले में शामिल थे, सबको चुन-चुनकर मारा. आज भारत का भी इरादा कुछ ऐसा ही है. हमारी सुरक्षा एजेंसियां हर उस व्यक्ति का पता लगा रही हैं, जो पहलगाम में आतंकी हमला करने वालों का मददगार हो सकता है. इस हमले का एक वीडियो वायरल होने के बाद ऐसा ही एक शख्स भारतीय जांच एजेंसी के राडार पर आ गया.

देश में कल से पहलगाम हमले के वक्त का एक वीडियो बहुत ज्यादा वायरल है. ये वीडियो पहलगाम की बैसरन घाटी में जिप लाइन में राइड कर रहे एक शख्स ने शूट किया था. वीडियो उस वक्त शूट किया गया जिस वक्त आतंकवादियों ने हमला शुरू किया. वीडियो में जिप राइड करा रहे शख्स मुजम्मिल ने गोलियां चलते ही राइडर ऋषि भट्ट को आगे भेज दिया और अल्लाहु अकबर के नारे लगाने शुरु कर दिए. ये पूरा वीडियो आप कल से लगातार देख रहे हैं. वीडियो देखकर आपके दिमाग में सवाल उठ रहे होंगे आखिरकार गोली चलते ही इस शख्स ने अल्लाहु अकबर के नारे क्यों लगाए और राइड कर रहे शख्स को रोकने के बजाय आगे क्यों भेज दिया.

इन सवालों का जवाब तलाश करने के लिए एनआईए मुजम्मिल से पूछताछ कर रही है. अब तक जांच एजेंसी ने इस शख्स को क्लीन चिट नहीं दी है. इस बीच मुजम्मिल के बारे में जी न्यूज़ ने कुछ अहम जानकारियां इकट्ठी की हैं. ये जानकारियां इकट्ठी करने के लिए हमारी टीम पहलगाम के लारीपोरा पहुंची. ये जगह बैसरन घाटी से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर है. जी न्यूज़ की टीम ने मुजम्मिल के घर जाकर उसके पिता और पड़ोसियों से बात की. जिस दिन ये आतंकी हमला हुआ उस दिन मुजम्मिल का व्यवहार कैसा था. क्या मुजम्मिल ने अपने परिवार को आकर इस आतंकी हमले के बारे में कुछ बताया. हमने ये भी मालूम किया क्या अल्लाहु अकबर नारे लगाने वाले शख्स का कोई आतंकी कनेक्शन रहा है? ये सारे सवाल मु​जम्मिल के पिता और पड़ोसियों से पूछे गए. जिसके बाद मुजम्मिल के बारे में कुछ अहम जानकारियां मिली हैं.

पहलगाम के जिस इलाके में मुजम्मिल रहता है, वो इलाका आतंकवाद से पीड़ित नहीं रहा. 90 के दशक में यहां कुछ आतंकवादी हुए लेकिन पिछले 2-3 दशकों से ये इलाका आतंकवाद से दूर रहा. मुजम्मिल के पिता मजदूर हैं. उसके चार भाइयों में दो बैसरन घाटी में घोड़े का काम करते हैं. एक ड्राइवर है. इसके अलावा घर में दो बहनें भी रहती हैं. साथ ही मजम्मिल के घर वालों ने उसके अल्लाहु अकबर बोलने को सामान्य प्रक्रिया बताया. 

यहां पर आपको भी समझना चाहिए मुस्लिम अल्लाहु अकबर कब कब बोलते हैं.

  • अल्लाहु अकबर का अर्थ है ईश्वर सबसे महान है.

  • मुस्लिम अक्सर अल्लाहु अकबर  शब्द का इस्तेमाल करते हैं.

  • इसका इस्तेमाल कभी प्रार्थना के तौर पर किया जाता है.

  • किसी आस्था की घोषणा के रूप में अल्लाहु अकबर का नारा लगता है.

  • इसके अलावा बहुत खुशी या संकट के समय मुस्लिम अल्लाहु अकबर कहते हैं.

मुजम्मिल के पिता और पड़ोसियों ने जी न्यूज़ को बताया कि गोलियां चलीं तो संकट को देखते हुए मुजम्मिल ने अल्लाहु अकबर बोला लेकिन इस बात का जवाब मुजम्मिल के पिता और पड़ोसियों ने नहीं दिया. गोलियां चलने के बाद खतरे को देखते हुए मुजम्मिल ने जिप राइड करने वाले शख्स को रोका क्यों नहीं? और इसीलिए एनआईए भी उसे क्लीन चिट देने को तैयार नहीं है. एनआईए ने कहा है जरूरत होने पर उससे फिर पूछताछ की जाएगी.

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