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नई दिल्ली. आप कभी न कभी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर गए होंगे. वहां आपने देखा होगा कि जमीन पर पीले रंग की खुरदरी टाइल्स लगी होती हैं. कुछ टाइल्स सीधे और कुछ गोल आकार के होते हैं. ज्यादातर लोगों को लगता है कि ये खुरदरी टाइल्स इसलिए लगाई जाती हैं ताकि लोगों को ग्रीप मिले और वे फिसलें नहीं, लेकिन ऐसा नहीं है. इन टाइल्स को प्लेटफॉर्म पर किसी और मकसद से लगाया जाता है. आइए बताते हैं.
बता दें कि रेलवे और मेट्रो स्टेशन पर पीले रंग के ये सीधे और गोल टाइल्स फिसलन से बचने के लिए नहीं लगाए जाते हैं, बल्कि इन्हें दृष्टिहीन लोगों के लिए लगाया जाता है. ऐसे लोग इन उबड़-खाबड़ टाइल्स के सहारे स्टेशन पर चल सकते हैं. अगर स्टेशन पर पीले रंग की गोल टाइल्स हैं तो यह इस बात का संकेत है कि आपको यहीं रुकना होगा. वहीं सीधे टाइल्स का मतलब है कि आप आगे चलते रहें. इन टाइल्स की मदद से दृष्टिहीन लोगों को चलने में काफी सुविधा होती है. इन्हें टैक्टाइल पाथ (Tactile Path) कहा जाता है.
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इन टाइल्स का रेलवे स्टेशन पर एक फायदा और है. दरअसल, रेलव स्टेशन पर कई तरह की केबल, पाइप और वायर एक जगह से दूसरी जगह को कनेक्ट करने के लिए लगाए जाते हैं. पाइप, केबल और वायर को इन टाइल्स के नीचे से ही ले जाया जाता है. ये पीली टाइल्स के नीचे खाली जगह होती है. अगर कभी किसी कनेक्शन में कोई प्रॉब्लम होती है तो इन टाइल्स को आसानी के हटाकर कनेक्शन में आ रही प्रॉब्लम को ठीक कर लिया जाता है. इसके बाद इन टाइल्स को दोबारा लगा दिया जाता है.
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प्लेटफॉर्म पर इन टाइल्स के अलावा रेलवे के सभी साइन बोर्ड भी पीले रंग के ही बनाए जाते हैं. इसके पीछे भी एक वजह है. दरअसल, पीला रंग सूर्य की रोशनी से जुड़ा हुआ है और ये काफी दूर से नजर आ जाता है. इसलिए भीड़भाड़ वाले इलाकों में पीले रंग का बैकग्राउंड बाकी रंगों के मुकाबले काफी अच्छा माना जाता है. इसके साथ ही वास्तुशिल्प और मनोवैज्ञानिक कारकों को ध्यान में रखते हुए भी इस रंग का इस्तेमाल किया जाता है.
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