CSIR-UGC-NET 2024 Postponed: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने शुक्रवार को घोषणा की कि 25 जून से 27 जून, 2024 तक होने वाली संयुक्त वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) परीक्षा स्थगित कर दी गई है. परीक्षार्थियों को अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट (https://csimnet.nta.ac.in) देखने की सलाह दी गई है. किसी भी सवाल के लिए उन्हें एनटीए हेल्प डेस्क से 011-40759000 या 011-69227700 पर संपर्क करने या csimet@nta.ac.in पर ईमेल करने के लिए कहा गया है.


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नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट का इनपुट, UGC-NET रद्द


इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पारदर्शिता और भरोसा सुनिश्चित करने के लिए 18 जून को आयोजित की गई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया था. मंत्रालय को नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से इनपुट मिला था, जो परीक्षा की सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ संभावित समझौते का संकेत दे रहा है. अब इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है. यूजीसी के अध्यक्ष ममीडाला जगदेश कुमार ने कहा कि देश भर के 317 शहरों में 11लाख 21 हजार रजिस्टर्ड उम्मीदवारों में से 81 प्रतिशत ने परीक्षा में भाग लिया था.


संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट (CSIR-UGC-NET) परीक्षा क्या है?


संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट (CSIR-UGC-NET) परीक्षा भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और लेक्चरशिप (LS)/सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) भूमिकाओं के लिए आवेदक की पात्रता या योग्यता निर्धारित करती है. शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इस परीक्षा के लिए आवेदन देश भर में प्रेस अधिसूचनाओं के माध्यम से वर्ष में दो बार ऑनलाइन आमंत्रित किए जाते हैं.


CSIR-UGC-NET और UGC-NET परीक्षाओं में क्या अंतर है?


संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट (CSIR-UGC-NET) परीक्षा विज्ञान के पांच विषयों के लिए आयोजित किया जाता है. इनमें जीवन विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान और गणित शामिल है. इसके उलट, यूजीसी-नेट (UGC-NET) सभी मानविकी विषयों को कवर करता है.


दोनों ही परीक्षा भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षण पदों (Teaching Staff) के लिए उम्मीदवारों की पात्रता का आकलन करती है. जो लोग जेआरएफ (JRF) के लिए चुने जाते हैं, वे लेक्चरशिप/सहायक प्रोफेसर भूमिकाओं के लिए भी पात्र हैं, बशर्ते वे यूजीसी के मानदंडों को पूरा करते हों. कुछ उम्मीदवार केवल अपने परीक्षण प्रदर्शन के आधार पर लेक्चररशिप या सहायक प्रोफेसर के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं. उनकी योग्यता अनिश्चित काल तक वैध रहती है.


संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट फेलोशिप रोजगार की गारंटी के बिना एक निश्चित अवधि का पुरस्कार है. जेआरएफ प्राप्तकर्ताओं को पहले दो वर्षों के लिए प्रति माह 31,000 रुपए का वजीफा (स्कॉलरशिप) और 20,000 रुपए का वार्षिक आकस्मिक अनुदान मिलता है.


NTA ने संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा क्यों स्थगित की?


एनटीए ने एक प्रेस विज्ञप्ति में ऐलान किया कि अपरिहार्य परिस्थितियों और तार्किक मुद्दों के कारण संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा स्थगित की जा रही है. परीक्षा के लिए नई तारीख बाद में आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की जाएंगी. इसमें कहा गया है, “यह दिनांक 15.06.2024 की सार्वजनिक सूचना के क्रम में है, जिसके माध्यम से संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जून-2024 के आवेदकों को आवंटित परीक्षा शहर की अग्रिम सूचना के साथ-साथ परीक्षा की लिस्ट भी सभी को सूचित की गई थी.” 


एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने और 1,563 उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की दोबारा परीक्षा के साथ एनटीए (NTA) के लिए तुरंत एक और परीक्षा आयोजित करना असंभव था. अधिकारी ने कहा, "एनटीए जल्द ही परीक्षा को पुनर्निर्धारित करेगा और जल्द से जल्द परिणाम घोषित करेगा ताकि शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो."


पेपर लीक और परीक्षा रद्द होने को लेकर चल रहे विवाद का क्या है सच


इस साल राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के परिणाम घोषित होने के बाद सामने आए आरोपों के साथ विवाद शुरू हुआ. छात्रों और अभिभावकों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. 1500 से अधिक छात्रों को अनुग्रह अंक (ग्रेस मार्क्स) दिए जाने का मुद्दा तब उजागर हुआ जब यह पता चला कि 67 छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया था.


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राजस्थान में कई शिकायतें, पटना में भी पेपर लीक का मामला, 13 गिरफ्तार


इसके अलावा, राजस्थान के एक केंद्र में छात्रों ने हिंदी के बजाय अंग्रेजी के प्रश्नपत्र मिलने की शिकायत की. साथ ही क्षतिग्रस्त ओएमआर शीट और पेपर वितरण में देरी की भी शिकायत की गई. इस बीच पटना में एक संदिग्ध पेपर लीक पर मामला दर्ज किया गया था. इसके कारण चार परीक्षार्थियों सहित धोखाधड़ी रैकेट में शामिल 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था.


इसके अलावा, बुधवार को शिक्षा मंत्रालय ने प्रक्रिया की अखंडता पर चिंता जताते हुए यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द कर दी. छह माह के अंतराल पर होने वाली परीक्षा का पहला संस्करण 18 जून को आयोजित किया गया था. इसमें 908,580 उम्मीदवारों ने ओएमआर शीट का इस्तेमाल करके 1,200 केंद्रों पर 83 विषयों में परीक्षा दी थी.


पेपर लीक, बढ़े हुए अंक और मनमाने ग्रेस मार्क्स के आरोपों को लेकर हजारों छात्रों ने न्याय की मांग करते हुए हफ्तों तक देश भर में विरोध प्रदर्शन किया. इस मामले में विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.


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