DNA Jammu Kashmir Anti Bulldozer Bill: जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने असेंबली में एंटी बुलडोज़र बिल लाने का ऐलान किया है. ऐसा करके वह आखिर किसे फायदा पहुंचाना चाहती हैं.
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DNA Mehbooba Mufti Anti Bulldozer Bill: हिंसा के आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर अगर बुलडोजर चलता है तो क्या किसी को बुरा लगना चाहिए. क्या किसी को हिंसा फैलाने वालों की अवैध संपत्तियों को लेकर सहानुभूति होनी चाहिए. जाहिर सी बात है कि नहीं होनी चाहिए. लेकिन जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को है. इसलिए महबूबा जम्मू कश्मीर के लिए एंटी बुलडोजर बिल लाने की तैयारी में हैं.
महबूबा को बुल्डोजर की याद क्यों आई?
सवाल उठता है कि महबूबा मुफ्ती को अचानक बुलडोजर की याद क्यों आई..जम्मू कश्मीर में अचानक ही बुलडोजर पर ब्रेक लगाने का आइडिया महबूबा मुफ्ती को कैसे आया. इस बिल के पीछे महबूबा के असली मकसद को DECODE करना जरूरी है.
#DNAWithRahulSinha : आतंकियों पर बुलडोजर नहीं चलने देंगी महबूबा? महबूबा के 'एंटी बुलडोजर बिल' का DNA टेस्ट #DNA #MehboobaMufti #Bulldozeraction #Politics | @RahulSinhaTV pic.twitter.com/5SDyGeJchw
— Zee News (@ZeeNews) October 9, 2025
महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में ऐलान किया है कि वो "जम्मू-कश्मीर लैंड राइट्स एंड रेगुलराइजेशन बिल, 2025" पेश करने वाली हैं. इस बिल का मुख्य प्रावधान ये है कि अगर कोई भी 30 साल से लगातार किसी जमीन पर काबिज है तो उसे उस जमीन पर मालिकाना हक का अधिकार मिलेगा. ये बिल किसी भी अवैध कब्जे को वैध बनाने का एक प्रयास है.
अतिक्रमणकारियों के लिए झलका प्रेम
महबूबा मुफ्ती ने इस बिल को लेकर कहा है कि ये बिल लोगों की जमीन और इज्जत बचाएगा. लेकिन क्या महबूबा जो कह रही हैं कहानी उतनी ही है.. या फिर इसके पीछे छिपा कोई और एजेंडा है.
इसे समझने के लिए आपको जम्मू कश्मीर में बीते कुछ वक्त में हुए बुलडोजर एक्शन के आंकड़े हम दिखाते हैं.. जिससे ये साफ हो जाएगा कि कश्मीर में अगर बुलडोजर पर ब्रेक लगता है तो फायदा किसे होगा.
सरकारी से एक्शन से सहमे हुए हैं आतंकी
साल 2022 में 1,200 अतिक्रमण पर बुलडोजर एक्शन हुआ. इनमें से 20% यानी 250 मकान आतंकियों के मददगारों के थे. साल 2023 में जम्मू कश्मीर में 800 मकानों को बुलडोजर से गिराया गया.. इनमें से 120 का लश्कर कनेक्शन था. साल 2024 में 150 मकानों पर बुलडोजर एक्शन हुआ.. इनमें से 25 फीसदी यानी 37 मकान आतंकियों के मददगार के थे.
साल 2025 में जम्मू कश्मीर में 100 अतिक्रमण पर बुलडोजर चला. जिनमें से करीब 15% घर उन लोगों के थे जिन्होंने पहलगाम या किसी दूसरे आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों की मदद की थी.
महबूबा की चली तो फिर आतंकी होंगे खुश!
आंकड़े बता रहे हैं कि अगर जम्मू कश्मीर में बुलडोजर पर ब्रेक लग जाता है तो बीते 3 साल में आतंकियों के मददगारों के जो 450 मकान गिराए गए उन्हें संरक्षण मिल जाता. यही वजह है कि विरोधी उनकी नीयत पर सीधे सीधे सवाल उठा रहे हैं.